शिवसेना और एनसीपी की सियासी खिचड़ी से भाजपा परेशान, किस पर सजेगा ताज?

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा, इसकी तस्वीर सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद संभवत: साफ हो जाएगी। सूबे में शिवसेना और भाजपा के बीच जारी तनातनी ने अचानक पवार को किंगमेकर बना दिया है।

शिवसेना और एनसीपी

शिवसेना और एनसीपी के बीच नए सिरे से पक रही सियासी खिचड़ी से भाजपा खेमा पहली बार चिंतित हुआ है। दरअसल चर्चा है कि शिवसेना ने एनसीपी के समक्ष मिलकर सरकार बनाने और सरकार का नेतृत्व करने का भी प्रस्ताव दिया है। हालांकि भाजपा को भरोसा है कि पवार अंत समय में शिवसेना को गच्चा देंगे।

महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना और भाजपा के बीच जारी शह और मात के खेल में पवार की भूमिका बेहद अहम हो गई है। चर्चा है कि भाजपा से नाराज शिवसेना ने पवार के समक्ष एनसीपी की अगुवाई में सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया है।

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इस प्रस्ताव पर विचार करने से पूर्व एनसीपी चाहती है कि शिवसेना सार्वजनिक तौर पर भाजपा से संबंध तोड़ने की घोषणा करे। शिवसेना के इस प्रस्ताव के बाद एनसीपी ने पूरे मामले में कांग्रेस से बातचीत का मन बनाया है। इसी कड़ी में सोमवार को पवार और सोनिया की अहम मुलाकात होने वाली है।

भाजपा के माथे पर उभरी शिकन

भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि यह ठीक है कि शिवेसना, राकांपा और कांग्रेस के साथ आने पर इनकी संयुक्त सीटों की संख्या बहुमत से बहुत ज्यादा होगी। इसके बावजूद पार्टी शिवसेना की तीखी बयानबाजी, राकांपा नेताओं से मुलाकात को फिलहाल दबाव की राजनीति ही मान रही है। पार्टी को लगता है कि संबंधों में कड़वाहट बढ़ने के बाजवूद शिवसेना राकांपा-कांग्रेस से हाथ मिलाने का फैसला नहीं करेगी।

 

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