इस तरह से करेंगे शराब छोड़ने की कोशिश तो हड्डियां हो जाएंगी खोखली

शराब छुड़ाने की दवानई दिल्ली। अधिकता हर चीज की खराब होती है। हम ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं। इसी तरह शराब की लत सबसे घातक है। ये आदत छुड़ाने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाते हैं। दवा तक लेते हैं। लेकिन आपको जानकर ये आश्चर्य होगा कि शराब छुड़ाने की दवा कहीं ज्यादा घातक है। इसके सेवन से आपकी हड्डियां खोखली हो रही हैं।

आपकी हड्डियों को शराब छुड़ाने की दवा एंटाब्यूज खोखला कर रही है। इससे हल्की सी चोट पर भी हड्डियों में फ्रैक्चर हो सकता है। यहां तक की यह दवा हड्डियों को दोबारा जोड़ने की क्षमता को खत्म कर रही है। भारत में शराब की लत छुड़ाने के लिए सबसे ज्यादा इसी दवा का इस्तेमाल होता है।

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सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने शराब छुड़ाने वाली इन दवाओं पर रिसर्च करके इसके दुष्परिणामों को बताया है। शोध में पाया गया है कि इस दवा में पाया जाने वाला डाई सल्फाइड हड्डियों को मजबूत बनाए रखने वाली ऑस्टियो ब्लास्ट सेल्स को डैमेज कर रहा है, जिससे हड्डियों की हील करने की क्षमता कम हो रही है।

भारत में औसत आयु 17 साल के 30 प्रतिशत लोग शराब का सेवन कर रहे हैं। सीडीआरआई के एक वैज्ञानिक ने बताया कि शराब का सेवन करने वाले लोगों में हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस सामने आई। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2012 में अपनी एक टीम बनाकर इस पर रिसर्च शुरू की।

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चूहों पर किया ट्रायल

सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने 72 चूहों पर रिसर्च की। उन्होंने इन चूहों को उतनी ही मात्रा में ये दवाई दी, जितनी शराब की लत लगे लोगों को दी जाती है। उन्होंने देखा कि थायोकार्बमेट डाई सल्फाइड ड्रग ने डाईसल्फयूरियम एसीटेल्डिहाइड की सक्रियता में चूहों की ऑस्टियो ब्लास्ट सेल्स को डैमेज कर दिया है।

लगातार एक ही डोज में दवाई देने से करीब एक साल बाद चूहों की हड्डियां खोखली हो चुकी थीं। किसी मनुष्य को इस दवाई की 30 मिलीग्राम/किलोग्राम की डोज दी जाती है।

शुरू होगा क्लीनिकल ट्रायल

वैज्ञानिकों ने इस दवाई के घातक परिणामों को सामने लाने के बाद अब एम्स का नैशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी) WHO के सहयोग से इस पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेगा। इसके लिए टीम ने भारत सरकार के बायोटेक्नॉलजी विभाग से अनुदान भी प्राप्त कर लिया है। वे इस दवा के डोज को कम करके इस पर प्रयोग करेंगे।

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