शराबबंदी कानून पर लोगों से सुझाव मांग रही बिहार सरकार

शराबबंदी कानूनपटना: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सरकार अब लोगों से सुझाव मांग रही है। इस संबंध में आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से एक विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया है।

महात्मा गांधी की जयंती, दो अक्टूबर से प्रदेश में बिहार मद्य निषेद्य और उत्पाद अधिनियम 2016 के लागू होने के बाद से ही इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दल इस कानून को ‘तालिबानी कानून’ तक बता रहे हैं।

शराबबंदी के कड़े कानून पर लगातार सवाल उठाए जाने से परेशान सरकार अब लोगों से सलाह मांग रही है। सरकार ने लोगों से सकारात्मक सुझाव पाने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया है। बिहार की जनता 12 नवंबर तक सरकार को सुझाव दे सकती है।

बिहार आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग के विज्ञापन में कहा गया है कि शराबबंदी से बिहार में सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई है। सरकार के शराबबंदी के निर्णय को अपार जन समर्थन भी मिल रहा है। बिहार में शराबबंदी के साकारात्मक प्रभाव को समाजिक सौहार्द के रूप में देखा जा रहा है और गांव तथा शहरों में शांति एवं सद्भाव का माहौल है।

आबकारी एवं मद्य निषेद्य विभाग ने लोगों से सुझाव मांगने के लिए वेबसाइट, फैक्स नम्बर और दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं। शराबबंदी कानून को लेकर बिहार की जनता मेल के जरिए भी अपना सुझाव भेज सकती है। इसके अलावा इच्छुक लोग आबकारी विभाग के कार्यालय के पते पर डाक से भी सुझाव भेज सकते हैं।

विज्ञापन में कहा गया है कि व्यापक चर्चा के बाद शराबबंदी के नए कानून में प्रभावकारी प्रावधान लाए गए हैं। फिर भी, कानूनी प्रावधानों और उनके क्रियान्वयन के संबंध में उत्पाद विभाग को सकारात्मक सुझाव की जरूरत है। सुझाव ठोस और तार्किक होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्घ हैं और कई अवसरों पर सार्वजनिक रूप से इस बात को दोहराया भी है कि शराबबंदी में किसी तरह की ढील की कोई गुंजाइश तो नहीं है, लेकिन अगर कोई शराबबंदी कानून को लेकर सुझाव देना चाहते हों तो दे सकते हैं।

इस मसले पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने दिल्ली दौरे के दौरान जाने माने कानूनविद् गोपाल सुब्रमण्यम से मुलाकात भी की।

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