पीएसी के सामने वित्त मंत्रालय ने कुबूला सच, नोटबंदी के दौरान हाथ नहीं आया एक भी जाली नोट!
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय द्वारा लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में यह दावा किया गया है कि नोटबंदी के बाद 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच किसी भी सरकारी एजेंसी ने एक भी जाली नोट जब्त नहीं किया है। और कहा कि नोटबंदी के बाद 9 नवंबर से 4 जनवरी तक इनकम टैक्स विभाग द्वारा की गई कई छापेमारी में 474.37 करोड़ रुपए के नए और पुराने नोट जब्त किए। लेकिन उनमें जाली नोट शामिल नहीं थे। मंत्रालय को इसकी भी जानकारी नहीं है कि जो पैसे पकड़े गए वह किसी आतंकी संगठन के थे या फिर वह पैसा किसी हवाला कारोबारी का था।
यह आंकड़े इसलिए भी हैरान करने वाले है क्योंकि नोटबंदी को लागू करने के वक्त सरकार ने दावा किया था कि इससे जाली नोट पकड़े जाएंगे और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि इससे आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में भी मदद मिलेगी। लेकिन वित्त मंत्रालय द्वारा बताई गई ये बातें इससे उलट साबित हो रही हैं। सरकार और आरबीआई दोनों ने दावा किया था कि उनके पास जानकारी है कि भारतीय करेंसी के जाली नोटों की मदद से ही आंतकवाद और ड्रग्स के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है।
मंत्रालय की तरफ से आगे बताया गया कि अप्रैल-दिसंबर 2016 के जब्त किए गए कीमती वस्तुओं में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके अलावा इसी वक्त में अघोषित आए को सामने लाने के प्रतिशत में भी 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
मंत्रालय का कहना था कि 8 जनवरी से 4 जनवरी के बीच 112.29 करोड़ के नए नोट पकड़े गए। इसके अलावा 3 करोड़ रुपए की पुरानी रकम भी 67 जगहों पर छापेमारी के दौरान पकड़ी गई। वहीं 1.7 करोड़ की विदेशी करेंसी भी बरामद हुई थी।