वाह रे पुलिस ! पुलिस ने मृतक के खिलाफ लिख दी एफआईआर

REPORT-VIJAY KUMAR

मुज़फ्फरनगर पुलिस और मुज़फ्फरनगर आबकारी विभाग इन दिनों अपने गुडवर्क को लेकर कितने संजीदा है इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है की मुज़फ्फरनगर पुलिस और आबकारी विभाग व्यक्तियों के साथ साथ मृतक व्यक्तियो के खिलाफ एफ आईआरदर्ज करा खुद अपनी पीठ थपथपा रही है।

ताज़ा मामला मुज़फ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के नावला कोठी स्थित सरकारी देशी शराब ठेके का है. जहा शराब ठेका संचालक को आबकारी विभाग ने नकली शराब बनाकर ठेके पर बिकवाने के आरोप में मुकदमे में नामजद कराया है जबकि उसकी तीन माह पूर्व ही मौत हो चुकी है। आबकारी विभाग तीन माह तक ठेका संचालक की मौत से अनभिज्ञ रहा। यही नहीं ठेका संचालक की मौत के बावजूद ठेके का संचालन जारी रहा।

,रितक के खिलाफ FIR

बता दें कि जिला आबकारी विभाग एवं मंसूरपुर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई के तहत बुधवार को नावला कोठी के पास स्थित देशी शराब ठेके पर छापा मारा। एसएसपी मुज़फ्फरनगर अभिषेक यादव ने प्रेस वार्ता कर  जानकारी दी थी कि देशी शराब ठेके से बड़ी तादाद में नकली शराब बरामद की गई।

ठेका संचालक नरेश पुत्र त्रिलोक राम निवासी गांव हुसैनपुर बोपाड़ा द्वारा खुद ही नकली शराब बनाने के बाद उस पर फर्जी रेपर एवं क्यूआर कोड लगाकर अपने शराब ठेके पर बिकवाई जा रही थी। मामले में आबकारी इंस्पेक्टर कमलेश कश्यप की ओर से मंसूरपुर थाने में ठेका संचालक नरेश पुत्र त्रिलोक राम के साथ ही सेल्समैन आशीष के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

आबकारी और मंसूरपुर पुलिस के इस गुडवर्क से खुश होकर मुज़फ्फरनगर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने एक पत्रकारवार्ता में खुद शराब की दुकान के मालिक मृतक नरेश कुमार को आरोपी बताते हुए कार्यवाही करने की बात कही। नकली शराब पकड़कर वाहवाही लूट रहे आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली रात होते-होते सवालों के घेरे में आ गई है।

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क्योंकि जिस शराब ठेका संचालक नरेश पर खुद नकली शराब बनाकर अपने ठेके पर बिकवाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है उसकी तीन माह पूर्व ही मौत हो चुकी है।  ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर आबकारी विभाग को ठेका संचालक की मौत की जानकारी कैसे नहीं मिली और किस आधार पर ठेका संचालक पर नकली शराब बनाने और उसे बिकवाने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

जबकि प्रत्येक माह रिकॉर्ड चेक करने के बाद ही शराब आवंटित की जाती है तो आखिर किसके हस्ताक्षर पर तीन माह से शराब ठेके पर शराब आवंटित कराई जा रही थी।

मामला सुर्ख़ियों में आने के बाद मुज़फ्फरनगर पुलिस जंहा इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रही है वंही आबकारी विभाग अपनी सफाई में मृतक नरेश कुमार  के परिवार पर ही आरोप लगा रहा है की नरेश के परिजनों ने उसकी मृत्यु की कोई जानकारी नहीं दी।

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