लोकसभा के 45 सदस्यों का निलंबन रद्द हो सकता है

नई दिल्ली| लोकसभा के 45 सदस्य अगर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को आश्वस्त करते हैं कि वे अव्यवस्था नहीं पैदा करेंगे तो उनका निलंबन रद्द किया जा सकता है। ये सदस्य अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) से हैं। लोकसभा उपाध्यक्ष एम.थंबीदुरई ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से अपनी पार्टी व तेदेपा के सभी 45 सदस्यों के निलंबन को रद्द करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “अगर सदस्य नियमों का उल्लंघन करते हैं तो आप के पास सभी अधिकार हैं। आप पहले ही उन्हें सजा दे चुकी हैं। मैं आप से विनम्रतापूर्वक सोमवार से उन्हें कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने का आग्रह करता हूं। कृपया उनके निलंबन को रद्द कर दें।”

थंबीदुरई के आग्रह का जवाब देते हुए महाजन ने अन्नाद्रमुक नेतृत्व से आश्वस्त किए जाने की मांग की और कहा कि वह मुद्दे पर सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगी।

महाजन ने कहा, “मैं तैयार हूं, लेकिन मैं आश्वासन चाहती हूं। मैं ना नहीं कर रही हूं। हमें बैठक करनी चाहिए। हम देखेंगे।”

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा हो सकती है।

महाजन ने गुरुवार को कठोर कार्रवाई करते हुए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 21 सांसदों को पोडियम के समक्ष इकट्ठा होने, पेपर फाड़ने और इसे पीठसीन अधिकारी की ओर उछालकर ‘गंभीर अव्यवस्था’ उत्पन्न करने के लिए लगातार चार दिनों के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

लोकसभा अध्यक्ष की यह कार्रवाई दोनों पार्टियों के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष के आसन के समीप आकर अपनी मांगों को लेकर नारे लगाने व प्रदर्शन को लेकर की गई थी।

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अन्नाद्रमुक सदस्य कर्नाटक में कावेरी नदी पर प्रस्तावित एक बांध के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे।

लोकसभा अध्यक्ष ने बुधवार को अव्यवस्था फैलाने के लिए अन्नाद्रमुक के 24 सांसदों को लगातार पांच दिनों की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था।

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