सुप्रीम कोर्ट ने पानी में मिलाई दिल्ली फतह की खुशी, मोदी सरकार को सुनाया ऐसा फरमान कि उड़ गए होश

लोकपाल विधेयकनई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को लोकपाल की नियुक्ति के मामले में कहा कि मौजूदा स्वरूप में भी लोकपाल विधेयक भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सक्षम है और प्रस्तावित संशोधन के बगैर भी इसे लागू किया जा सकता है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने लोकपाल के चयन में देश के प्रधान न्यायाधीश की गोपनीयता संबंधी एक दूसरी याचिका भी खारिज कर दी।

शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब लोकपाल अधिनियम को देश में लागू करने का जिम्मा सरकार के कंधों पर आ गया है। सरकार लोकपाल के मौजूदा स्वरूप में कई संशोधन करना चाहती है और इसी वजह से अब तक इसे लागू नहीं किया गया है।

लोकपाल के मौजूदा स्वरूप को लागू करने में सबसे बड़ा रोड़ा लोकपाल की नियुक्ति करने वाली चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष को शामिल करने को लेकर माना जा रहा है।

ज्ञात हो कि लोकसभा में आधिकारिक तौर पर कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है।

कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, लेकिन उसे न ही मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा दिया गया है और न ही उसके विधायक दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिला है।

LIVE TV