
डेस्क. Edited by [ शिवानी समदर्शी ]
चमकी बुखार से मुज़फ्फरपुर में मरने वालो की संख्या 92 तक पहुँच गई है. बुखार का जिम्मेदार लीची खाना बताया जा रहा है. वैसे आजकल खाने पीने की चीजों में मिलावट होना आम बात हो गई है. ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या वाकई चमकी नाम का ये बुखार खाली पेट ज़्यादा लीची खाने से हो रहा है या फिर मिलावटी लीची का सेवन करने से .
लीची खाने से हो रही बच्चों की मौत? मिलावटी चीजों को ऐसे पहचानें. सब्जी और फलों में मिलावट आपकी सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में सेहत के इस दुश्मन से अपने परिवार को बचाने के लिए अपनाएं ये खास उपाय.
देहरादून में एक और खतरनाक सड़क हादसा, सीआईएसएफ इंस्पेक्टर के परिवार की कार खाई में गिरी
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगाने के लिए एक मैनुअल जारी किया है. डिटेक्ट एडल्ट्रेशन विद रैपिड टेस्ट (डीएआरटी) नाम की इस किताब में कई आसान परीक्षणों द्वारा बताया गया है कि आप कैसे आसानी से खाद्य पदार्थों में मिलावट का पता लगा सकते हैं.
बाजार में लाल लीची की मांग हमेशा बनी रहती है. ऐसे में कुछ लोग हरे रंग की लीची या बासी लीची को अच्छे दामों पर बेचने के लिए उस पर लाल कैमिकल कलर कर देते हैं. डॉक्टर्स की मानें तो ऐसे कैमिकल रंग वाली लीची खाने से ना सिर्फ आपकी सेहत खराब हो सकती है बल्कि आप कैंसर तक के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में लीची का सेवन करने से पहले उसे पानी में डालकर देखें. अगर पानी का रंग बदल जाता है तो समझ जाइए लीची मिलावटी है.
जानिए ब्रिटेन में भारतीय मूल की 11 साल की लड़की ने किया कमाल, दूर – दूर से लोग जा रहे हैं मिलने…
फलों में सबसे ज्यादा मिलावट सेब में होती है. बासी खराब सेब को फ्रेश दिखाने के लिए कई बार उस पर वैक्स लगा दिया जाता है ताकि वो चमकदार दिखने लगे. ऐसे में खाने से पहले सेब को ऊपर से चाकू से कुरेद कर देख लें. अगर उसमे से कुछ सफेद-सफेद निकले तो समझ जाएं कि यह मिलावटी सेब है