लगातार गिर रही जीडीपी, पहुंची 5 साल के सबसे निचले स्तर पर

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार से जुड़े आंकड़ों को जारी कर दिया है. देश की जीडीपी दर में चौथी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है. जनवरी-मार्च में जीडीपी दर घटकर 5.8 फीसदी तक पहुंच गई है. पिछले 9 महीने में देश में कृषि, उद्योग और मैनुफैक्चरिंग जैसे अहम सेक्टर में मंदी के चलते जीडीपी दर में यह गिरावट दर्ज की गई है.

इसके साथ ही वित्त वर्ष 2018-19 में विकास दर घटकर 6.8 फीसदी पहुंच गई, जो पिछले पांच साल में सबसे कम है. हालांकि मार्च तिमाही में जीडीपी दर 6.5 फीसदी और वित्तवर्ष 2019 में विकास दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर 7.7 फीसदी थी.

वहीं, वित्तवर्ष 2018-19 में देश का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 फीसदी रहा. यह दर बजट के 3.40 प्रतिशत के संशोधित अनुमान की तुलना में कम है. राजकोषीय घाटे के बजट के संशोधित अनुमान से कम रहने का कारण टैक्स से अन्यत्र अन्य मदों में प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि और खर्च का कम रहना है.

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केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि 31 मार्च 2019 के आखिर में राजकोषीय घाटा 6.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि बजट में राजकोषीय घाटे के 6.34 लाख करोड़ रुपये रहने का संशोधित पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था. इस बार राजकोषीय घाटे के आंकड़े बढ़े हैं, लेकिन जीडीपी के बढ़े आंकड़े से इसकी तुलना करने पर यह 3.39 प्रतिशत रहा है.

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