भरपूर नींद नहीं ले रहे हैं तो हो जाएं सावधान, ये खतरनाक बीमारी बना सकती है शिकार
नेब्रस्का लिंकन विश्वविद्यालय के शोधर्कताओं ने पाया है कि ठीक से सो नहीं पाने के कारण आपका रोजमर्रा का कामकाज प्रभावित हो सकता है। साथ ही ज्यादा खाना खाने की प्रवृत्ति पनप सकती है। यह बच्चे और वयस्क , दोनों पर लागू होता है। वहीं नींद खराब होने के बाद, हार्मोन कंट्रोलिंग सिस्टम भी प्रभावित होता है, इससे भावनात्मक तनाव बढ़ जाता है, और अधिक भोजन, ऊर्जा की कमी को पूरा करने में सक्षम नहीं है।
दिन में जो भी आप खाते हैं यह सभी कारक भोजन की मात्रा को प्रभावित करते हैं। यह शोधपत्र पत्रिका ‘जरनल ऑफ हेल्थ साइकोलोजी’ में प्रकाशित हुआ है।
नेब्रस्का लिंकन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता एलिसा-लिंकन और टीमोथी डी नेल्सन का कहना है कि डॉक्टरों को नींद और खाने के प्रति जागरूक होना चाहिए। नींद सक्रिय रूप से आहार-व्यवहार को बदल देती है। इस पर विचार किया जाना चाहिए।
मोटापे से मधुमेह, हृदय रोग जैसी घातक बीमारी होने का खतरा बना रहता है।
दूसरी ओर, इस बारे में लेखक का कहना है कि अत्यधिक भोजन करना व बाधित नींद को समझना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
भोजन का सेवन जैविक, संज्ञात्मक, भावनात्मक और पर्यावरणीय कारकों से प्रेरित है।
इसमें लुंथल और नेल्सन का तर्क है कि इन कारकों से सोने की प्रवृत्ति प्रभावित है।
नींद प्रभावित होने के चलते वयस्कों और बच्चों दोनों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इसलिए आवश्यक है कि लोग इसके लिए जागरूक हों, उन्हें खाने की गुणवत्ता और मात्रा का भी खयाल रखना चाहिए।