भीषण गर्मी के इस मौसम में लीजिए आम और जामुन का मजा, मिलेगा इन रोगों से छुटकारा

भीषण गर्मी के इस मौसम में फलों के राजा आम और जामुन का भरपूर मजा लें जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं बल्कि भरपूर विटामिन और पोषक तत्व उपलब्ध कराकर कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियोें की रोकथाम में भी मदद करते हैं। देखते ही मुंह में  पानी लाने वाले आम में कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में मददगार हैं।

 आम और जामुन

इसमें उच्च मात्रा में पैक्टिम पाया जाता है जो खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम करने में  सहायक है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से ये नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है और बुढ़ापे को हावी होने से रोकने में मदद करता है। आम में क्यूर्सेटिन और एस्ट्रागालिन पाए जाते हैं जो कैंसर की रोकथाम में मददगार हैं।

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केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों के मुताबिक आम में विटामिन ए और सी उच्च मात्रा में होते हैं। विटामिन सी शरीर में कोलेजन प्रोटीन बनाने में सहायक है जो इस विटामिन की कमी से होने वाले संक्रमण से बचाता है। आम में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो एनीमिया से बचाने में फायदेमंद है।

आम में बीटा कैरोटीन नामक कैरोटीनायड भी पाया जाता है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है। अतिरिक्त बीटा कैरोटीन शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। आम अपच और अतिरिक्त अम्लता जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है। इसे खाने से पाचन क्रिया मजबूत होती है, पेट साफ रहता है और स्मरण शक्ति बढती है।

भोजन का जायका बढ़ाने वाला आम का अचार रक्त पित्त को दूर करने में मदद करता है। आम की गुठली का चूर्ण दस्त , पुरानी पेचिश और बवासीर जैसी बीमारियों के इलाज में लाभदायक है। जामुन पोटैशियम से भरपूर है जो दिल के दौरे , उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।

इसमें एंटीआक्सीडेंट विशेष रुप से फ्लेवोनायड्स पाये जाते हैं जो स्मरण शक्ति को ठीक रखने में मददगार है। इसके नियमित सेवन से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है इसलिए यह मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक है। जामुन से भूख बढती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।

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इसका अम्लीय गुण रक्तदोषों को दूर करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि फलों का रस पीने की बजाय फलों को सीधे खाना बेहतर है। रस पीने से उसमें मौजूद शर्करा तुरंत खून में मिल जाती है जो हानिकारक हो सकती है। फल खाने से रेशों की भरपूर मात्रा मिलती है जबकि रस में यह बहुत कम या नहीं होता है। फल खाने से दांत साफ और मसूढे मजबूत होते हैं।

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