अरविंद केजरीवाल : सिद्धू के कांग्रेस में जाने से चुनाव पर कोई असर नहीं

रिश्वतखोरी को बढ़ावाचंडीगढ़। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को इस आरोप को खारिज किया कि वह मतदाताओं से पंजाब और गोवा में अन्य पार्टियों से पैसा लेने लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को देने का आग्रह कर रिश्वतखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले से पंजाब विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को एक नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा है क्योंकि उन्होंने गोवा के मतदाताओं से अन्य राजनीतिक दलों से पैसे लेने, लेकिन वोट आप को देने को कहा था। भाजपा ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी।

केजरीवाल ने कहा कि 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भी उन पर ऐसे ही आरोप लगाए गए थे, लेकिन अदालत ने उनके पक्ष में यह कहते हुए फैसला दिया था कि वह रिश्वतखोरी को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं।

केजरीवाल ने साथ ही कहा कि सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने से पंजाब चुनाव के नतीजों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

कांग्रेस में शामिल होने से पहले सिद्धू के आप में शामिल होने के अनुमान लगाए गए थे।

आप नेता ने कहा, “सिद्धू अपना महत्व खो चुके हैं।”

केजरीवाल ने साथ ही दोहराया कि अकाली विरोधी वोट काटने और पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की मदद के लिए पंजाब कांग्रेस प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लांबी से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

प्रकाश सिंह बादल लांबी से चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, “लांबी में हमारे उम्मीदवार जरनैल सिंह का प्रचार अभियान शानदार चल रहा था। इसलिए बादल ने अमरिंदर से लांबी से चुनाव लड़ने का आग्रह किया ताकि अकाली विरोधी वोट बंट जाएं।”

केजरीवाल ने कहा कि अकाली नेताओं को राजनीतिक रूप से ही हराना जरूरी नहीं है, बल्कि उन्हें उनके अपराधों की सजा देना भी जरूरी है।

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