राष्ट्रपति ने ’10 करोड़ के लिए 10 करोड़’ अभियान की शुरुआत की

राष्ट्रपति प्रणबनई दिल्ली| नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विश्व के कई नेताओं की उपस्थिति में यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को ’10 करोड़ के लिए 10 करोड़’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य दुनिया भर के करोड़ों बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए प्रयास करना है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यर्थी द्वारा परिकल्पित इस अभियान को मुखर्जी ने तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा, नोबेल पुरस्कार विजेता तवक्कुल करमान और लेमाह ग्बोवी, आस्ट्रेलिया की पूर्व प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड और पनामा के राष्ट्रपति की पत्नी लोरेना कैस्टिलो की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाई।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आर्थिक और मानव तरक्की के अन्य क्षेत्रों में दुनिया के विकास करने के बावजूद अब भी दस करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं, उन्हें बचपन नसीब नहीं है और वे कई तरह से शोषण के शिकार हैं।”

उन्होंने कहा, “बिना आगे देर किए मानवता को महसूस करना चाहिए कि तब तक कोई प्रगति नहीं हो सकती, जब तक हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं हैं, जब तक उन्हें आजादी और परिवर्तन का वाहक बनने का अवसर नहीं दिया जाता है।”

अभियान की तारीफ करते हुए मुखर्जी ने कहा कि इसका दुनिया भर के लाखों बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा।

अभियान का उद्देश्य दस करोड़ युवा लोगों को एक साथ जोड़ना और उन्हें उनके अधिकारों और उनके जैसे हजारों अन्य बच्चों के अधिकारों के बारे में शिक्षित करना है।

अभियान की शुरुआत के साथ दो दिवसीय ‘लॉरिएट्स एंड लीडर्स फार चिल्ड्रेन समिट’ का भी समापन हो गया जिसमें बच्चों के अनुकूल विश्व के निर्माण के लिए करीब 25 नोबेल पुरस्कार विजेता और नेता शामिल हुए।

सम्मेलन में भाग लेने वालों में मोनाको की राजकुमारी शार्लीन, जॉर्डन के राजकुमार अली बिन अल हुसैन, नीदरलैंड की राजकुमारी लॉरेन्टीन, नोबेल पुरस्कार विजेता एवं तिमोर के पूर्व राष्ट्रपति लेस्ते जोस रामोस होर्ता शामिल थे।

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