जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तब झूले पर खड़े रहेंगे ये संत

रिपोर्ट- सैयद रजा

प्रयागराज। आस्था के सबसे बड़े मेले कुम्भ के लिए अभी से ही कई अनोखे बाबा संगम शहर प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में इन दिनों जूना अखाड़े के एक खड़ेश्वरी बाबा लोगों के ख़ास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। गाज़ियाबाद से आए यह बाबा पिछले चार सालों से लगातार एक झूले पर खड़े हुए हैं। इन चार सालों में वह एक पल के लिए भी न तो बैठे हैं और ना ही लेटे हैं।

जूना अखाड़े के यह हठयोगी इसी झूले पर खड़े होकर पूजा-पाठ करते हैं। इसी पर खाना खाते हैं और इसी झूले पर खड़े-खड़े ही सो भी लेते हैं। बाबा ने अपना पूरा जीवन इसी तरह झूले पर खड़े होकर ही बिताने का यह कठिन फैसला तबतक लिया है जबतक अयोध्या में राम मंदिर और गाज़ियाबाद में शिव मंदिर निर्माण की खातिर लिया हुआ है।

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प्रयागराज के कुम्भ मेले में तमाम ऐसे हठयोगियों ने डेरा जमाया हुआ है। जो साधना के अनूठे तौर-तरीकों के चलते हज़ारों साधुओं की भीड़ में भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। इन्हीं हठयोगियों में एक हैं जूना अखाड़े के महंत खड़ेश्वरी महाराज अयोध्या में राम मंदिर,गाज़ियाबाद में शिव मंदिर का निर्माण और लोगों के कल्याण की खातिर महंत खड़ेश्वरी महाराज ने चार साल पहले एक अनूठा फैसला किया था।

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उन्होंने अपने गुरु को वचन दिया था कि जब तक मंदिर निर्माण पूरा नही होगा तबतक जीवन अब वह खड़े होकर ही बिताएंगे। वह न तो एक पल के लिए बैठेंगे और ना ही कभी लेटेंगे। चौबीसों घंटे वह वह एक झूले पर ही खड़े रहते हैं। झूले पर खड़े होकर ही ईश्वर की आराधना करते हैं, खड़े होकर ही भोजन करते हैं और खड़े- खड़े ही नींद भी पूरी कर लेते हैं। इतना ही नहीं अपने नित्य कर्म भी वह खड़े होकर ही निपटाते हैं। झूले का सहारा वह इसलिए लेते हैं ताकि पूरा जीवन खड़े होकर ही बिताने में शरीर साथ देता रहे।

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