बाबा रामदेव की पतंजलि बैल से बिजली बनाने के आइडिया पर कर रही काम

रामदेव की पतंजलिनई दिल्ली। विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर देकर आगे बढ़ रही रामदेव की पतंजलि अब और ‘पॉवर’फुल बनने जा रही है। पतंजली बैल से बिजली बनाने की तैयारी में जुटी गई है। इस काम पर रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण बीते डेढ़ वर्ष से काम कर रहे हैं। पतंजलि इस तरीके से उत्पादित होने वाली बिजली को नहीं बेचेगी। इस कदम का मकसद उन गरीबों की सहायता करना भी है जो इलेक्ट्रिसिटी पर खर्च नहीं कर सकते। बैल से बिजली बनाने का यह आईडिया बालकृष्ण का था।

इकनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार बालकृष्ण ने बताया, ‘ऐसे समय में जब बड़ी संख्या में बैलों को काटा जा रहा है, तो हम यह धारणा बदलना चाहते हैं कि बैल बहुत कीमती नहीं होते।’ उन्होंने इस बात को सही बताया कि पतंजलि हरिद्वार के अपने मुख्यालय में इस पर रिसर्च कर रही है। इस काम का सीधा मकसद ये है कि पशुओं को बूचड़खाने न भेजा जाए।

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उनका कहना था, ‘बैलों का सुबह खेतों में और शाम को इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन के लिए उपयोग में लाया जा सके। टेक्नॉलजी की मदद से उनकी ताकत का अधिकतम इस्तेमाल हो इससे अच्छा कुछ नहीं।’

उन्होंने कहा, ‘हम यह रिसर्च कर रहे हैं कि बैलों के इस्तेमाल से कैसे अधिक वॉट की पावर का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे एक किसान इसका इस्तेमाल अपने घर में बिजली के लिए कर सके। हमें अभी तक अपनी इच्छा के मुताबिक परिणाम नहीं मिला है।’

रामदेव की पतंजलि कंपनी के एक अधिकारी का कहना था, ‘हम एक ऐसा डिजाइन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे उन किसानों को बिजली पैदा करने के लिए दिया जा सके जिनके पास बैल हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने बताया कि देश में बैलों की संख्या कम होती जा रही है और पशुओं की कुल संख्या में इनकी हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से कम है।

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