कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांधने वाले मेजर को मिली ‘शाबाशी’

जवानों पर पत्थरबाजीनई दिल्ली| जम्मू-कश्मीर में जवानों पर पत्थरबाजी के विरोध में एक नागरिक को जीप पर बांधने वाले सेना के मेजर को कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी ने दोषी न मानते हुए क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में सेना ने 15 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा 53 राष्ट्रीय राइफल के मेजर के खिलाफ FIR दर्ज करने के दो दिनों बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठाई थी। जांच के बाद मेजर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना करने की अनुशंसा की गई है।

सूत्रों के मुताबिक़ ‘कोर्ट मार्शल का सवाल ही नहीं उठता, यहां तक की मेजर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी जरूरत नहीं बताई गई है। सोशल मीडिया पर कश्मीरी युवक को जीप के बोनेट पर बांधकर इलाके में घुमाने पर भले ही भारी विरोध किया गया हो, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने मेजर के इस फैसले की सराहना की है। मेजर को इस काम के लिए बधाई दी गई क्योंकि अधिकारियों ने इसे पत्थरबाजी से निपटने का बेहतर तरीका माना। कुछ अन्य सूत्रों के मुताबिक आर्मी में लक्ष्य हासिल करना महत्वपूर्ण है, इसके लिए तरीका कुछ भी हो सकता है।

कश्मीरी युवक फारूक अहमद को को जीप के आगे बांधने की घटना 9 अप्रैल की है। इस घटना का वीडियो क्लिप उमर अमदुल्ला ने ट्वीट कर जांच की मांग की थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और इसके खिलाफ भारतीय सेना की काफी आलोचना भी हुई थी। हालांकि कुछ लोगों ने सेना की इस कार्रवाई का समर्थन भी किया था।

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