राज्यपाल ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के नैक के लिए प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय इससे पूर्व वर्ष 2004 में नैक का “बी” ग्रेड तथा वर्ष 2016 में नैक का “बी प्लस” ग्रेड प्राप्त कर चुका है और अब तीसरी बार मूल्यांकन के लिए अपनी “सेल्फ स्टडी रिपोर्ट” दाखिल करने की तैयारी कर रहा है।

राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन की तैयारियों के लिए गठित कमेटी के सदस्यों से सभी सातों मूल्यांकन क्राइटेरिया पर बिन्दुवार जानकारी ली। उन्होंने कुलपति को निर्देश दिया कि प्रस्तुतिकरण यथेष्ट संतोषजनक नहीं है और सभी सातों क्राइटेरिया पर पुनरावलोकन कर सुधार किया जाए। उन्होंने कहा मूल्यांकन के हर बिन्दु पर सुदृढ़ तैयारी की जाए और प्रस्तुतिकरण में उल्लिखित कार्यों का विवरण एवं डाटा का हाइपर लिंक भी सम्बद्ध किया जाए जिससे कार्यों के प्रमाण का अवलोकन किया जा सके।

प्रस्तुतिकरण के समय राज्यपाल ने टीम में आपस में विवरण की जानकारी, डाटा साझा करने की प्रवृत्ति और पुष्ट प्रस्तुतिकरण करवाने वाली टीम भावना के अभाव को भी लक्षित किया। उन्होंने निर्देश दिया कि क्राइटेरिया वाइज गठित पूरी टीम एक साथ बैठकर कार्य करें, संयुक्त तैयारी करे, आपस में तालमेल और सहयोग की भावना रखें। उन्होंने कहा कुलपति स्वयं टीम के साथ बैठकर समीक्षा करें। बैठक में राज्यपाल जी ने पुस्तकालय व्यवस्था हेतु किए व्यय का संतोषजनक प्रस्तुतिकरण न कर पाने पर व्यय अवलोकन करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा संतोषजनक और सशक्त तैयारी पूर्ण करने के बाद ही विश्वविद्यालय के नैक के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल की जाए।

समीक्षा बैठक के दौरान प्रस्तुतिकरण में विद्यार्थियों को फीडबैक सिस्टम की जानकारी देने, इण्डस्ट्रीज की आवश्यकताओं के अनुसार फीडबैक को मजबूत करने, इन्क्यूबेशन सिस्टम के विकास में लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से सहायता लेने, पेटेंट को उत्पादन में क्रियान्वित कराने, छात्रावासों की समस्याओं को दूर करने, विद्यार्थियों को ई-सुविधाओं के व्यापक उपयोग की जानकारी देने, गाँवों में की जा रही गतिविधियों को एक ही जगह प्रदर्शित करने, विश्वविद्यालय की कल्याणकारी गतिविधियों का गवर्निंग बॉडी से प्रमाण पत्र प्राप्त करने, पियर टीम की अंक गणना विधि को समझ कर कार्यों को प्रदर्शित करने, विद्यार्थियों के सोशल विजिट पर अनुभवों को अंकित कराने जैसे विषयों पर व्यापक सुधार के सुझाव दिए गए।

बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 निर्मला एस. मौर्य द्वारा लिखित पुस्तक “गर्भ संस्कार एक उत्कृष्ट परम्परा ” का विमोचन भी किया। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, विशेषकार्याधिकारी शिक्षा, विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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