
इलाहाबाद। फ़िल्मी दुनिया के नामचीन हास्य कलाकारों में एक राजपाल यादव अब सियासत की दुनिया में जगह बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल राजपाल राजनीति को काफी सीरियस ले रहे हैं। इस मंच पर जनता उन्हें कितना सीरियस लेती है, ये तो वक्त ही बताएगा। सवाल यह ये भी कि इनके आने से किस पार्टी को नुकसान होने वाला है और किसको फायदा।
राजपाल यादव का नया सफर
राजपाल यादव मसखरे कलाकार के तौर पर जाने जाते हैं। वह वाकपटु हैं, इसलिए अपनी राजनीतिक पार्टी के स्टार प्रचारक भी वही रहेंगे। यूपी में SP और BSP के गढ़ में घुसने के लिए उन्होंने पार्टी का नाम भी सोच समझ कर रखा है। SSP यानी सर्व समभाव पार्टी।
राजपाल इन दिनों सर्व समभाव पार्टी के बैनर के साथ पूरे यूपी में घूम रहे हैं। राजपाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस का भी दौरा कर चुके हैं और मुलायम सिंह यादव के लखनऊ का भी। अच्छी बात ये कि उनकी टीम हकीकत से बेखबर नहीं है।
राजपाल के छोटे भाई राजेश यादव को मालूम है कि लोग उनके बारे में क्या सोच रहे होंगे? क्योंकि राजनीतिक फोरम तो राखी सावंत ने भी खड़ा करने की कोशिश की थी।
राजेश यादव कहते हैं कि सर्व समभाव पार्टी उनके सपनों का राजनीतिक दल है – मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यह पार्टी चुनावी मौसम का मेढक नहीं है।
राजपाल यादव कह रहे हैं कि वो यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लडेंगे, बस कुछ सीटें छोड़ कर और उनका स्लोगन होगा – उत्तर प्रदेश, सर्वोत्तम प्रदेश।
उनका कहना है कि शुरू-शुरू में तो आम आदमी पार्टी को भी बहुत सीरियसली नहीं लिया गया, जबकि उनके पास बताने को बड़ा मुद्दा रहा।
राजपाल यादव खुल कर नोटबंदी का सपोर्ट कर रहे हैं। साथ ही मुलायम सिंह यादव के गढ़ माने जाने वाले इलाकों से दूरी बनाये रखने की बात कर रहे हैं।
नोटबंदी को लेकर राजपाल कह रहे हैं कि ये जनता के हित में लिया गया फैसला है। राजपाल का कहना है कि उनकी पार्टी यूपी की 10-12 सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी जिनमें इटावा, मैनपुरी और सैफई शामिल हैं। बता दें ये सभी मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के डेडिकेटेड वोट वाले इलाके हैं।
राजपाल यादव बड़े भाई श्रीपाल यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ अपनी जन्म भूमि उत्तर प्रदेश में विकास के लिए पार्टी से 390 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे।
ख़बरों के मुताबिक़ पत्रकारवार्ता के दौरान अभिनेता राजपाल यादव ने उत्तर प्रदेश की गन्दी राजनीति सुधारने की बात कहते हुए अन्य किसी पार्टी के नेताओ के झंडे की नारेबाजी करने से साफ़ इनकार किया है।