
बाकुरा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘त्योहारों को हड़पने’ और राजनीतिक रैलियों में ‘ऊँ’ का इस्तेमाल कर इसे अपमानित करने का आरोप लगाया है। ममता का यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भाजपा समेत उसके अन्य आनुषांगिक संगठनों ने समूचे पश्चिम बंगाल में रामनवमी मनाई और इस मौके पर जुलूस निकाले।
तृणमूल अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक सार्वजनिक रैली में कहा, “रामनवमी पर अपना निजी हक जताते हुए आयोजित न करें और अशांति फैलाने की कोशिश न करें। हजारों सालों से विभिन्न धार्मिक संगठन रामनवमी पर रैलियां निकालते रहे हैं।”
ममता ने कहा, “इसका भाजपा के साथ कोई नाता नहीं है। एक पार्टी अपने झंडे और ‘ऊँ’ के चिन्ह लगा रही है। आप घर पर बैठकर भी ‘ऊँ’ का उच्चारण कर सकते हैं। वे किसी राजनीतिक रैली में धार्मिक चिन्हों का प्रयोग कैसे कर सकते हैं?”
ममता ने कहा, “क्या ‘ऊँ’ आपकी जमींदारी है? क्या यह पार्टी का प्रतीक चिन्ह है? हर व्यक्ति ‘ऊँ’ का उच्चारण करता है। आपको ‘ऊँ’ के चिन्ह के अपमान का हक किसने दिया? ऐसा है तो निर्वाचन आयोग जाइए और उनसे चिन्ह लीजिए। आप पार्टी की रैलियों में भगवान के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
ममता ने बंगाल में बंटवारे की राजनीति करने के लिए भाजपा को आड़े हाथ लिया।
तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, “उत्तर प्रदेश में वे ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं और बंगाल में बंटवारे की राजनीति करते हैं। वे हिंदू-मुस्लिमों..सिख-इसाईयों को बांटना चाहते हैं।”
ममता ने कहा, “एक दिन अगर बनर्जी कहें कि उनका चटर्जी से कोई नाता नहीं है.. अगर जनजातीय लोग कहें कि हम हिंदुओं के साथ नहीं रहेंगे..और ऐसे ही सब कहने लगें तो फिर क्या होगा? सब कुछ टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा। देश की एकता समाप्त हो जाएगी।”
उन्होंने कहा कि बसंती पूजा बंगाल में सदा से मनाई जाती रही है।
उन्होंने कहा, “क्या हमने बसंती पूजा नहीं की? क्या इसमें कुछ नया है? आपको पता लगाना चाहिए। आज जो दुर्गा पूजा होती है, पहले उसके स्थान पर बसंती पूजा होती थी।”