राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजली

देश आज संविधान निर्माता व समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की 128वीं जयंती मना रहा है। आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था।

 

इस अवसर पर ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र और भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता नीरज सिंह ने हजरतगंज स्थित डॉ आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रध्दा सुमन अर्पित किया। इस दौरान उनके साथ बीजेपी युवा मोर्चा के लखनऊ मंडल उपाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह सहित कई अन्य नेता भी मौजूद थे।

राजधानी में रविवार को अम्बेडकर जयंती को लेकर लोगों ने उनको याद कर श्रध्दा सुमन अर्पित किया। वहीं, बीजेपी के युवा नेता नीरज सिंह ने अम्बेडकर जयंती पर लोगों को बधाई दी और कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर का देश का संविधान बनाने में काफी अहम योगदान दिया।

इसीलिए उन्हें संविधान निर्माता कहा जाता है साथ ही उन्होंने कहा की आंबेडकर ऐसे धर्म को मानते थे जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता था।

बता दें कि नॉएडा से पंकज सिंह के विधान सभा चुनाव जीतने के बाद से उनके छोटे भाई नीरज सिंह राजधानी की राजनीति में लगातार सक्रीय हैं।

बीजेपी लखनऊ मंडल उपाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह ने बताया की समाज आंबेडकर के आदर्शों पर चलने और सिद्धान्त का पालन करने में एकजुट है।

इसके अलावा उन्होंने बताया वे भारतीय संविधान के पिता थे जिन्होंने भारत के संविधान का ड्रॉफ्ट (प्रारुप) समिति को तैयार किया था साथ ही आंबेडकर ने सामाजिक समरसता को एक नई दिशा प्रदान की है।

भीम, समानता सहित कई और नाम
आपको बता दें की आंबेडकर जयंती को भीम जयंती के नाम से भी जाना जाता है और यह त्योहार के रूप में भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली डॉ॰ भीमराव आंबेडकर को समानता के प्रतीक और ज्ञान के प्रतीक भी कहां जाता है।

क्यों मनाते है जयंती
भारत के लोगों के लिए उन्होंने अपने जीवन में अहम योगदान दिए. उन्होंने भारत के निम्न स्तरीय समूह के लोगों की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के साथ ही शिक्षा की जरुरत के लक्ष्य को फैलाने के लिये भारत में वर्ष 1923 में ‘बहिष्कृत हितकरनी सभा’ की स्थापना की थी।

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इंसानों की समता के नियम के अनुसरण के द्वारा भारतीय समाज को पुनर्निर्माण के साथ ही भारत में जातिवाद को जड़ से हटाने के लक्ष्य के लिये ‘शिक्षित करना-आंदोलन करना-संगठित करना’ के नारे का इस्तेमाल कर लोगों के लिये उन्होंने कई सामाजिक आंदोलन चलाए थे। इसीलिए बहुत ही खुशी से भारत के लोगों द्वारा अंबेडकर जयंती मनायी जाती है।

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