राजद प्रमुख लालू यादव के जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सीबीआई, जमानत की राह मुश्किल

एक ओर जहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल से निकलने के लिए उच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे हैं। वहीं, दूसरी ओर सीबीआई उन्हें रिहा होने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा सकती है। दरअसल, लालू प्रसाद को झारखंड हाई कोर्ट से चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत मिल चुकी है। लेकिन इसकी सुनवाई के दौरान सीबीआई का कहना था कि लालू प्रसाद ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में एक दिन भी जेल में नहीं बिताए हैं।

उसके पीछे सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला दिया था। इसके तहत अगर किसी को एक तरह के मामले में कई बार सजा मिलती है, तो पहली सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा चलने का प्रावधान है। इसके लिए लालू प्रसाद को निचली अदालत में एक साथ सजा चलाने के लिए कोर्ट से आग्रह करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। इसी आधार पर सीबीआई ने लालू की जमानत का विरोध किया था।

लेकिन उच्च न्यायालय  ने सीबीआई की दलील को दरकिनार करते हुए लालू प्रसाद को जमानत की सुविधा प्रदान की है। ऐसे में अब सीबीआई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही है। हालांकि सीबीआई इससे पहले लालू प्रसाद को देवघर से अवैध निकासी मामले में उच्च न्यायालय से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर चुकी है।

गौरतलब है  कि लालू प्रसाद को अब तक चार मामलों में सजा मिली है। इसमें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका का एक-एक मामला शामिल है। इसमें चाईबासा को दोनों मामले और देवघर में लालू प्रसाद को जमानत मिल चुकी है। वहीं, दुमका वाले मामले में लालू प्रसाद ने हाल में ही जमानत याचिका दाखिल की है। इस याचिका में भी आधी सजा काटने का हवाला दिया गया है

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