जवानों का बड़ा खुलासा, न गोली न तोपें… जान की रक्षा करते हैं रहस्यमयी ओपी बाबा

सियाचिन ग्लेशियरसियाचिन। सियाचिन ग्लेशियर का नाम आते ही सबसे सर्द जगह का ख्याल दिमाग में आता है. यहां दिन में टेम्प्रेचर माइनस 30 से 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. ऐसी विषम परिस्थितियों में भी भारतीय सैनिक मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात रहते हैं. पर आज हम आपको दुनिया के सबसे ऊँचे बैटलफील्ड सियाचिन से जुड़ी एक ऐसी सच्ची दास्तां बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे.

वहां पर ड्यूटी करने वाले सिपाहीयों ने बड़ा खुलासा किया है. सैनिको ने बताया कि कोई सैनिक ऐसा है जो उनके सपने में आकर आने वाली मुसबतों से उन्हें पहले ही अवगत करा देता है.

दुनिया में सबसे ऊँचे बैटलफील्ड सियाचिन से जुड़ी दिलचस्प कहानी है. कहानी सेना के एक शहीद ओपी बाबा से जुड़ी है. माना जाता है कि ओपी बाबा इस बैटलफील्ड में जवानों की सुरक्षा करते हैं.  सेना के जवान उनको यहाँ का सबसे बड़ा कमांडर भी मानते हैं. यही वजह है कि यहां मोर्चे पर जाने के पहले और सही सलामत लौटने पर हर जवान ओपी बाबा के सामने माथा टेकना नहीं भूलता.

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ओपी बाबा का पूरा नाम ओम प्रकाश है, वे इंडियन आर्मी के सोल्जर थे. 1980 के दशक में उन्होंने अकेले ही मौलाना चौकी पर दुश्मनों के अटैक को नाकाम कर दिया था. सैनिकों के बीच उनके प्रति आस्था इतनी ज़्यादा है कि यहां मोर्चे पर आने वाला हर सैनिक सबसे पहले ओपी बाबा के सामने हाजिरी लगाता है.

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सिपाही ओपी बाबा के बारे में कहा जाता है कि 80 के दशक में वो एक फोर्वोर्ड पोस्ट पर तैनात थे. वहीँ पर रहस्यमयी तरीके से उनकी मौत हो गयी थी.

सियाचिन ग्लेशियर

 

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