रघुराम राजन बोले, मोदी सरकार ने किया फुल सपोर्ट, दूसरी पारी के लिए तैयार था पर …

रघुराम राजनदिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार से सपोर्ट न मिलने की बात को नकारते हुए कहा कि मोदी सरकार में उन्हे काम करने की पूरी आजादी मिली।

राजन ने कहा कि उनका सरकार से किसी भी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं रहा। यह सब ओछी लोगों की हरकतें थी जिन्‍होंने उनके और सरकार के रिश्‍ते को नकारात्‍मक ढंग से प्रचारित किया।

उन्होंने यह भी कहा है कि वह पहले अपने कार्यों को पूरा करने के लिये कुछ और समय रूकने को लेकर हो सकते थे लेकिन वह दूसरा कार्यकाल नहीं लेने के अपने निर्णय से पूरी तरह खुश हैं।

रघुराम राजन का तीन साल का कार्यकाल अगले महीने खत्म रहा है। उन्होंने जून में ही कह दिया कि वह इस पद पर दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बातचीत की प्रक्रिया उस मुकाम तक नहीं पहुंची थी जहां वह रूकने को लेकर सहमत हो सकते थे। हालांकि उन्होंने कहा कि वह सरकार में पुनर्नियुक्ति या भविष्य में सरकार में कैरियर को लेकर कभी चिंतित नहीं रहे। राजन के मुताबिक उन्होंने देश के हित में जो काम सबसे अच्छा समझा वह किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह वह ‘टीम के हिसाब से खेलने वाले सबसे अच्छे खिलाड़ी’ रहे।

रघुराम राजन का कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त हो रहा है और उसके बाद उनकी फिर से अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र में जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में काम करते हुए ‘उनकी चमड़ी काफी मोटी हो गयी’ लेकिन उस समय हमले इतने ओछे नहीं होते थे।

राजन ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘हाल में हुए कुछ आक्षेप बहुत ओछे थे और एक तरह से उनमें इलजाम जैसे थे। बिना किसी आधार के बातें कही गयीं। गवर्नर ने कहा कि उन्होंने उन आक्षेपों को दूर ही रखा और उस पर ध्यान नहीं दिया।

उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने राजन पर व्यक्तिगत हमले किये। उन्होंने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री ‘मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय’ नहीं हैं और गोपनीय तथा संवेदनशील सूचनाएं विदेशी भेजी।

रघुराम राजन ने कहा कि जब लोग उनसे पूछते थे कि क्या वह दूसरे कार्यकाल के लिये तैयार हैं, वह कहते थे कि हालांकि उन्होंने रिजर्व बैंक में जो भी पहल की है वह तीन साल के कार्यकाल को ध्यान में रख कर तैयार की गयी हैं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बही-खातों की सफाई तथा मौद्रिक नीति समिति मसौदा गठित करना जैसे कुछ ऐसे काम हैं, जो अभी पूरे नहीं हुए हैं।

राजन ने कहा, ‘‘लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं दूसरे कार्यकाल के लिये एकदम से उत्सुक था….मैं कार्यों को पूरा होने के लिये कुछ समय रूकने के लिये तैयार था लेकिन साथ ही मैं अब जब जा रहा हूं तो पूरी तरह खुश हूं।’’ गवर्नर ने कहा कि उन्होंने जो काम लिये, उसमें से 90 से 95 प्रतिशत पूरे हो गये और उन्हें यह कार्य करने में पूरी आजादी रही।

रघुराम राजन ने सरकार से मतभेदों को नकारा

भविष्य की योजना के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बार-बार कहा है कि मैं मूल रूप से अध्ययन अध्यापन क्षेत्र का आदमी हूं। यह (आरबीआई गवर्नर का काम) काम एक अतिरिक्त काम है।’’ इस सवाल पर कि क्या उनको दूसरे कार्यकाल से वंचित रखने में तिकड़म से काम चलाने वाले पूंजीवादियों का हाथ था तो राजन ने कहा , ‘मुझे नहीं लगता कि आप को इसका दोष किसी अदृश्य हाथों को देना चाहिए। मुझे लगता है कि मुझे जो करने की जरूरत थी उसे मैने किया। यदि उनके पास इतनी ही ताकत थी तो वे मुझे उन जरूरी कामों को करने से रोक भी सकती थी।’ राजन ने कहा कि उन्हें अपने हिसाब से अपना काम करने की संपूर्ण स्‍वतंत्रता मिली थी। इसके लिए नेपथ्य में सरकार के साथ बहुत काम करना होता है, सरकार को राजी करना पड़ता है।

गर्वनर ने कहा कि कोई यह कहे कि आप तो हमेशा लड़ते रहे, तो यह बिल्कुल गलत है। पिछली सरकार के साथ संबंध शानदार थे और इस सरकार में मायने रखने वाले.. लोगों के साथ भी संबंध शानदार थे।

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