बाबा रामदेव योग के, हाइट बढ़ाने के योगासन…
हाइट बढ़ाने के लिए योग यानि कद की लंबाई बढ़ाने के लिए शारीरिक व्यायाम और खासतौर पर योगासन का बहुत महत्त्व है | आज के वैज्ञानिक युग ने भी योगासन के अच्छे प्रभावों को स्वीकार किया है। पश्चिमी देशों में योग एक नई विचारधारा के रूप में पोपुलर हो रहा है।
योग के आसन शरीर और मन की विभिन्न क्रियाओं को बैलेंस करते हैं। मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से योगासन बहुत महत्त्वपूर्ण है। योगासन इच्छा शक्ति को बढ़ाते हैं। रक्त-संचालन ठीक करते है, अंगों में लचक लाने और उन्हें गतिशील बनाने तथा मानसिक तनाव को दूर करने में सहायता करते है | कद बढ़ाने के लिए भी योग का विशेष महत्त्व है इसलिए शरीर के विकास के लिए योगासन जरुर करने चाहिए। योग के आसनों के द्वारा सभी छोटे-बड़े अंगों का व्यायाम हो जाता है।
योगासन कई प्रकार के होते हैं तथा इनके उद्देश्य भी अलग-अलग होते हैं। इस आर्टिकल में हम हाइट बढ़ाने के लिए योग (योगासनों) का ही विवरण देंगे। ये योगासन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए हैं।
हाइट बढ़ाने के लिए योग : पद्मासन
- इस आसन को करने के लिए जमीन पर दोनों पैरों को फैलाते हुए सीधे बैठ जाएं।
- उसके बाद बाएं पैर को दाएं पैर की जांघ पर और दांए पैर को बाएं पैर की जांघ पर रखें।
- दोनों पैरों को इस प्रकार से रखें कि एड़ियां पेट से सटी हुई हों।
- दोनों हाथों की तर्जनी उंगली और अंगूठे को मिलाकर बायां हाथ बाएं पैर के घुटने पर व दायां हाथ दाएं पैर के घुटने पर रख दें।
- कमर, छाती, गर्दन और मस्तक का भाग सीधा और तना हुआ रखें।
- घुटनों को जमीन से मिलाकर रखें।
- आंखों को आधा खुला रखते हुए धीरे-धीरे गहरी सांस भरें। कुछ देर रुककर फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- लाभ : यह आसन शारीरिक और मानसिक विकास करता है। रीढ़ को सीधा रखने और जोड़ों को लचीला बनाने के लिए यह बहुत ही कामयाब आसन है। इससे शरीर की लंबाई बढती है। इसके अतिरिक्त यह आसन अंतःस्रावी ग्रंथियों जैसे थाइरॉइड ग्रंथि, पिट्यूटरी ग्रंथि आदि को भी क्रियाशील बनाता है। यह आसन फेफड़े, पेट, आंत आदि के रोगों को दूर करने में भी सहायक होता है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग: धनुरासन
- किसी समतल स्थान पर चटाई या दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- अब दोनों हाथों को फैलाते हुए सिर को जमीन के सहारे टिका दें।
- सांस भरते हुए दोनों पैरों को घुटने के पास से मोड़े।
- दोनों ही पैरों को दोनों हाथों से मिलाकर पकड़ लें।
- दोनों एड़ियों को कूल्हे के पास खींचने का प्रयास करें।
- सांस छोड़कर धीरे-धीरे गहरी सांस लेते हुए सिर को ऊपर उठाकर सीधा करें।
- कुछ समय तक सांस लेते हुए इसी अवस्था में बने रहें।
- फिर सांस छोड़ने के साथ-साथ पहले वाली स्थिति में आ जाएं। इस पूरी प्रक्रिया को तीन-चार बार दोहराएं।
लाभ :
- इस आसन में रीढ़ की हड्डी पर बल पड़ता है और यह सीधी होती है। यह आसन अंतःस्रावी ग्रंथियों को भी अधिक सक्रिय करता है। इस आसन को करने से सीने, फेफड़ों और उदर संबंधी विकारों को भी सुधारा जा सकता है। हाइट बढ़ाने के लिए योग करते हुए आप इस योगासन द्वारा मोटापा भी घटा सकते है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग : चक्रासन
- इस आसन का अभ्यास करते समय शुरुआत में कुछ कठिनाई आ सकती है क्योंकि यह आसन पूरे पैर टिकाकर और पंजों के बल, दोनों तरह से किया जाता है।
- इसके लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
- दोनों पैरों को नितंबों से सटाकर रखें।
- अब हथेलियों को सिर के दोनों ओर जमीन पर टिकाएं।
- धीरे-धीरे कमर को ऊंचा करते जाएं ताकि शरीर चक्र के आकार में हो जाए।
- पेट को अधिक से अधिक ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- इस आसन को करते समय हथेलियों और पैरों के बीच कम से कम अंतर रखें।
- यह योगासन थोडा कठिन होता है इसलिए शुरुवात में किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें |
लाभ :
- हाइट बढ़ाने के लिए योग (चक्रासन) कद बढ़ाने में अधिक सहायक होता है। इससे रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और शरीर में लचीलापन आता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी के सभी प्रकार के विकारों को दूर करता है। इसके अतिरिक्त यह रक्त-संचार को ठीक करता है और तंत्रिका तंत्र को भी लाभ पहुंचाता है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग : मेरुदंडासन
- दोनों पैरों को मिलाते हुए सीधे तनकर खड़े हो जाएं।
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को सीधे ऊपर ले जाएं। आपके दोनों बाजू कान से सटे होने चाहिए।
- दोनों हाथों को सीध में रखते हुए कमर से ऊपर का भाग दाईं ओर झुकाएं।
- थोड़ा रुककर सांस छोड़ते हुए फिर से पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
- एक बार फिर सांस भरकर यही क्रम बाईं ओर दोहराएं।
- दोनों हाथों को पहले की तरह ही सीधे रखते हुए पहले सामने और फिर पीछे की ओर झुकें। इस प्रकार चारों ओर झुकते हुए पूरा एक चक्कर लगाएं।
- इस आसन को लेटकर भी किया जाता है लेकिन कद बढ़ाने के लिए इसे चित्र में दिखाए अनुसार ही करें |
लाभ :
- जैसा कि इस आसन के नाम से ही स्पष्ट है यह मेरुदंड अर्थात रीढ़ की हड्डी के लिए है। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। इसके कारण कमर (पीठ दर्द आदि से छुटकारा मिलता है और शरीर की लंबाई भी बढ़ती है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग :
- किसी समतल स्थान का चयन कर मुंह नीचे की ओर रखकर पेट के बल लेट जाएं।
- शरीर के सभी अंगों को ढीला छोड़ दें।
- फिर पांव के पंजों को बाहर की ओर खींचें। दोनों पैरों को मिलाकर रखें।
- दोनों हाथों की हथेलियों को छाती के बराबर पीछे लाते हुए इस तरह से रखें कि कोहनियां जमीन पर टिक जाएं।
- इसके बाद कोहनियों को धीरे-धीरे उठाएं। साथ ही सांस भरते हुए गर्दन आगे की ओर तानकर छाती को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
- धड़ को ऊपर उठाते हुए कोहनियों को खोलते जाएं। धड़ को नाभि तक ऊपर उठा दें।
- गर्दन व छाती को अधिक से अधिक मोड़ने का प्रयास करें। कुछ देर तक इसी स्थिति में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए वापस आ जाएं और सभी अंगों को ढीला छोड़ दें।
लाभ :
- यह आसन रीढ़ की हड्डी के सभी दोषों को दूर करके इसमें लचक पैदा करता है। इससे पीठ, गर्दन और कंधों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को भी क्रियाशील बनाता है। इस प्रकार कद बढ़ाने का यह एक उपयोगी आसन है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग : सर्वांगासन
- इस आसन के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल सीधे होकर लेट जाएं।
- पैरों को आपस में जोड़े रखकर धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
- कोहनियों को जमीन पर टिकाकर दोनों हाथों से कमर को पकड़ते हुए सहारा दें।
- कमर के ऊपर वाला पैरों का भाग सीधा रखें।
- सिर को जमीन पर ही टिकाए रखें। इस स्थिति में कम से कम एक मिनट तक रहें।
- धीरे-धीरे अनुभव बढने के साथ-साथ इसकी अवधि बढ़ाते रहें एक मिनट से दो तीन जितनी देर भी आप आसानी से कर सके ।
लाभ :
- यह आसन थायरॉइड, पैराथायरॉइड और पिट्यूटरी ग्रंथियों की सक्रियता को बढ़ाता है। इससे कद तेजी से बढ़ता है। इस आसन को करने से यकृत, प्लीहा और आंतों के रोग दूर होते हैं। यह आसन भूख की कमी, कब्ज, अजीर्ण आदि समस्याओं से छुटकारा पाने में भी लाभदायक है। इसके अतिरिक्त यह मानसिक विकास में भी सहायक होता है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग :
- इस आसन को करने के लिए पहले पद्मासन की स्थिति में आ जाएं।
- पीठ के भाग को जमीन से उठाते हुए सिर का पिछला भाग जमीन से लगाएं।
- इसके बाद दाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा पकड़ लें।
- घुटनों पर शरीर का भार रखते हुए सिर के बल पीठ वाले भाग को अधिक से अधिक ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- इस स्थिति में कम से कम एक मिनट तक अवश्य रहें।
लाभ :
- इस आसन से मेरुदंड में लचक आती है तथा इसके विकार ठीक हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह आसन टांसिल, मधुमेह, दमा, भूख की कमी, घुटनों और कमर का दर्द, मानसिक दुर्बलता आदि को दूर करता है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग : शवासन
- शरीर के सभी अंगों को ढीला छोड़कर पीठ के बल लेट जाएं। शरीर को पूरा विश्राम दें।
- सभी अंगों को बिना खिंचाव या तनाव के छोड़ दें। आंखें बंद रखें।
- मस्तिष्क में भी किसी प्रकार का तनाव या चिंता न रखें और सभी अंगों के विश्राम की तरफ ध्यान एकाग्र करें।
लाभ :
- इस आसन से सभी प्रकार की शारीरिक या मानसिक थकान दूर हो जाती है। जिस प्रकार नींद कद बढ़ाने के लिए आवश्यक है, उसी प्रकार यह आसन भी कद बढ़ाने के लिए आवश्यक है। हाइट बढ़ाने के लिए योग–आसनों को पूरा करने के बाद ही इसे करना चाहिए। इस आसन के द्वारा आप पुनः स्फूर्ति प्राप्त कर सकते हैं।
हाइट बढ़ाने के लिए योग : पश्चिमोत्तानासन
- यह योगासन क्रिया करने से हमारे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है। बच्चो को यह आसन जरुर करना चाहिए, क्योंकि यह आसन लंबाई बढ़ाने में सहायक है।
विधि-
- दण्डासन में बैठकर दोनों हाथों के अंगूठो और तर्जनी की सहायता से पैरों के अंगूठों को पकड़े।
- सांस बाहर निकालकर सामने झुकते हुए सिर को घुटनों के बीच लगाने का प्रयत्न करें।
- पेट को उड्डीयान बंध की स्थिति में रख सकते हैं।
- घुटने पैर सीधे भूमि पर लगे हुए तथा कोहनियां भी भूमि पर टिकी हुई हों। इस स्थिति में अपनी ताकत के अनुसार 1-3 मिनट तक रहें। फिर सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- इस आसन के बाद इसके प्रतियोगी आसन भुजंगासन करना चाहिए।
लाभ-
- इस योगासन से पेट की पेशियों में संकुचन होता है। इससे उनका स्वास्थ्य सुधरता है। ‘हठयोग प्रदीपिका’ के अनुसार यह आसन प्राणों को सुषुम्ना की ओर उन्मुख करता है, जिससे कुण्डलिनी-जागरण में सहायता मिलती है। कद-वृद्धि के लिए यह महत्त्वपूर्ण आसन है।
हाइट बढ़ाने के लिए योग और एक्सरसाइज करने के क्रम में निरंतरता का होना बहुत जरुरी है क्योंकि अकसर टीन ऐज युवा ही कद बढ़ाने के लिए प्रयास करते है और उनमे अनुशासन तथा निरंतरता की थोड़ी कमी होती है साथ ही उचित खानपान पोष्टिक आहार भी कद बढ़ाने में बहुत जरुरी है विशेषरूप से प्रोटीन की अधिकता वाला खाना जरुर खाएं जैसे अंकुरित चने दाल, दूध, पनीर, अंडा, मछली, चिकन, बादाम आदि |