यूपी के इकलौते सीएम, जिनको कलेक्टर ने पेड़ से बांधकर इतना पीटा कि बेहोश हो गए

यूपी के सीएमलखनऊ। यूपी हमेशा से राजनीति का गढ़ रहा है। यहीं से दिल्ली की सियासत का रास्ता जाता है। चुनाव के मद्देनजर राजनीति चरम पर है। हर पार्टी की चर्चाएं हो रही हैं। इनमें एक खास चर्चा भी हो रही है, जो कुछ ज्यादा ही ‘वायरल’ हुई। एक ऐसे यूपी के सीएम जिनकी पिटाई के किस्से आम हुए थे।

यूपी के सीएम बी.बी.डी का अनसुना किस्सा

बात हो रही है, यूपी के सीएम रहे बाबू बनारसी दास की। हमेशा सूबे के तेज तर्रार नेताओं में गिने जाते थे। उनको जेल में एक कलेक्टर ने जामुन के पेड़ से बांधकर पीटा तो इसकी खूब चर्चा हुई। आज उनके बेटे अखिलेश दास दमदार नेता हैं और यूपी चुनाव में मुख्य भूमिका निभाने को तैयार है।

वह ऐसे पहले सीएम थे जो कालिदास मार्ग स्थित सरकारी मुख्यमंत्री आवास में न रहकर कैंट के अपने मकान में ही रहना पसंद करते थे।

बात है बुलंदशहर जेल की जहां 5 फरवरी 1943 को प्रिजनर्स एक्ट के तहत तत्कालीन अंग्रेजी कलेक्टर हार्डी ने रात को जेल खुलवा बनारसी दास को बैरक से निकल कर एक जामुन के पेड़ से बांध दिया था।

इसके बाद उनके कपडे उतरवा कर तब तक पिटाई की जब तक वह बेहोश नहीं हो गए। जेल में रहते हुए बाबू बनारसी दास ने पढाई-लिखाई जारी रखी। उन्होंने काफी पढाई कर ली थी। जेल में उनकी मुलाकात जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, मौलाना आज़ाद, लाल बहादुर शास्त्री, कामराज, सरोजनी नायडू समेत कई नेताओं से हुई।

उनकी प्रसिद्धि का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की 1946 के विधानसभा चुनाव में वो बुलंदशहर से निर्विरोध चुने गए। इसके बाद उन्होंने यूपी की राजनीति में अच्छा मुकाम हासिल किया। वह 28 फरवरी 1979 से 18 फरवरी 1980 तक यूपी के सीएम रहे।

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