यूपी की छह सीटों पर मतगणना में कथित धोखाधड़ी को लेकर कांग्रेस जाएगी कोर्ट, सलमान खुर्शीद लड़ेंगे कानूनी लड़ाई
कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर वोटों की गिनती में धोखाधड़ी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है, जहां उसके उम्मीदवार मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। जागरण डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को इस कानूनी लड़ाई को लड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है। करीबी मुकाबले में चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों से कहा गया है कि वे अपनी-अपनी सीटों से संबंधित मतगणना के दस्तावेज खुर्शीद को उपलब्ध कराएं।
देश की सबसे पुरानी पार्टी ने इंडिया ब्लॉक के तहत समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ सीट बंटवारे के समझौते के तहत उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 पर चुनाव लड़ा था। इन सीटों में रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, अमरोहा, देवरिया, बांसगांव, महाराजगंज, कानपुर, सीतापुर, झांसी, वाराणसी, इलाहाबाद, मथुरा, बाराबंकी, बुलंदशहर, गाजियाबाद और फतेहपुर सीकरी शामिल हैं। इनमें से अमरोहा, फतेहपुर सीकरी, कानपुर, महाराजगंज, देवरिया और बांसगांव में कांग्रेस 50,000 से भी कम वोटों से चुनाव हारी।
प्रत्याशियों ने दावा किया है कि मतगणना में गड़बड़ी के कारण वे चुनाव हार गए। बांसगांव में कांग्रेस के सदल सबसे कम 3,150 वोटों से हारे। वहीं, देवरिया में अखिलेश प्रताप सिंह 34,842 वोटों से, महाराजगंज में वीरेंद्र चौधरी 35,451 वोटों से, कानपुर में आलोक मिश्रा 20,968 वोटों से, फतेहपुर सीकरी में रामनाथ सिकरवार 43,405 वोटों से और अमरोहा में दानिश अली 28,670 वोटों से हारे।
कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया विभाग के प्रमुख सीपी राय ने खुलासा किया कि सलमान खुर्शीद उम्मीदवारों द्वारा दी गई शिकायतों और दस्तावेजों के आधार पर पार्टी की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 232 सीटें जीतकर बहुतों को चौंका दिया। कांग्रेस पार्टी ने अकेले 99 सीटें जीतीं, जो 2019 के चुनाव से दोगुनी है। भाजपा को बड़ा झटका उत्तर प्रदेश से मिला, जहां सपा-कांग्रेस गठबंधन ने 80 में से 43 सीटें जीतीं।