यह खुदाई की जीत हैं , राम और खुदा सब एक हैं…

9 नंबर साल 2019 को अब ऐतिहासिक पन्नो में गिना जाएगा । वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षो कोलेकर एक मिसाल कायम की है। जहां ये राम मंदिर अब वहीं बनेगा और साथ ही मुस्लिम पक्ष के लिए 5 एकड़ की जमीन दी गयी हैं। बतादें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देश की जनता बेहद खुश नज़र आ रही हैं , ये खुदाई कि जीत है , राम और खुदा सब एक है।

 

 

 

बतादें  की  सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में रामलला विराजमान के पक्ष में निर्णय सुनाया, समूची अयोध्या राममय हो उठी। संत-धर्माचार्यों ने मंत्र का उच्चारण कर आराध्य को याद किया।

 

राजस्थान सरकार ने निकाली हैं पशु चिकित्सकों की भर्ती, जानिए कैसे करें आवेदन

 

वहीं से रामजन्मभूमि की ओर शीश झुकाता दिखा। निर्मोही अखाड़े को अपना दावा खारिज होने के बाद भी जहां राममंदिर बनने का रास्ता साफ होेने की खुशी थी, तो मुस्लिम पक्षकार भी फैसले का स्वागत करते नजर आए।

 

जहां सबके स्वर में एक ही संकल्प और उम्मीद तारी थी कि अब यहां रामराज्य जैसा स्वरूप साकार करने में सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी। सभी में इस बात की ज्यादा प्रसन्नता थी कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या को लेकर भविष्य की सारी राजनीति का भी अंत कर दिया। जीत हुई तो सिर्फ रामलला की। रामनगरी अयोध्या और इससे सटे नवाबी शहर फैजाबाद में शनिवार सुबह तमाम अनहोनी व आशंकाओं से भरी थी।

 

सुप्रीम कोर्ट से आने वाले निर्णय को लेकर लोग रात में चैन से सो नहीं पाए थे। किसी को अपने घर में राशन की चिंता थी तो किसी को दवा इलाज और रसोई गैस की। व्यापारियों को रोजगार तो स्कूल अब कब खुलेगा यह सवाल मासूम बच्चों से लेकर बड़े तक पूछते दिखे, लेकिन नजारा बिल्कुल अलग था। फैजाबाद में हिंदू-मुसलमान एक साथ गुलाबबाड़ी में टहलने निकले, रामनगरी में सरयू स्नान से लेकर मंदिरों में भोर की आरती के साथ घंटे-घड़ियाल की गूंज सब कुछ सामान्य होने का इशारा कर रही थी।

दिन निकलने के साथ हनुमानगढ़ी, रामजन्मभूमि मार्ग, नयाघाट, रेलवे स्टेशन, राम की पैड़ी, शृंगारहाट आदि इलाकों में दुकानें भी खुलीं। भक्तों का मंदिरों में दर्शन-पूजन भी निर्बाध गति से चला। सिर्फ बाहर से आने वालों को अयोध्या के भीतरी इलाके में घुसने की इजाजत नहीं थी। मुस्लिम इलाकों में सख्त सुरक्षा व्यवस्था से लोग बेहद खुश नजर आए। सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही सुबह रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया, पूरी अयोध्या रामधुन में मगन हो गई। फैसले की हर बारीकी पर नजर रख रहे।
निर्मोही अखाड़ा के पक्षकार महंत दिनेंद्र दास के यहां का माहौल उत्साहपूर्ण था। यहां मौजूद संत वरुण दास, आचार्य नारायण मिश्र, अधिवक्ता प्रभात सिंह आदि रामजन्मभूमि की ओर शीश झुकाकर बार-बार प्रणाम करते दिखे। लेकिन महंत ने सौहार्द का संकल्प दिलाते हुए जयघोष से मना कर दिया। कारसेवकपुरम में टीवी से चिपके सखा रामलला के पक्षकार त्रिलोकीनाथ पांडेय भी सुप्रीम कोर्ट से संपूर्ण अधिकार सरकार को दिए जाने से खुश नजर आए।
LIVE TV