नोटबंदी : सालाना रिपोर्ट में भी RBI छुपाएगा मोदी की नाकामी!

मोदी की नाकामीनई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 से देशभर में पुराने 1000 और 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार का दावा था कि ऐसा कर के देश में छुपे काले धन को बाहर निकाला जा सकता है। लेकिन नोटबंदी के इतने महीने गुजर जाने के बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आजतक ये रिपोर्ट नहीं पेश कर पाया है कि उसने कितनी पुरानी करेंसी जमा की है।

यह भी पढ़े :-रनवे पर फुल स्पीड में दौड़ रहे प्लेन के सामने अचानक उतर आई ‘हूरें’, और फिर…

इस मामले में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल का कहना है कि जमा हुई पुरानी करेंसी की गिनती का काम अभी तक चल रहा है। इसके चलते अभी तक आरबीआई के पास जमा की जा चुकी करेंसी का सही आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

पटेल ने दावा किया है कि सितंबर तक पुरानी करेंसी को गिनने का काम पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद ही उचित आंकड़े जारी किए जा सकेंगे।

लेकिन इस मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि हो सकता है आरबीआई सिर्फ आंकड़ों को छिपाने के लिए पुरानी करेंसी की गिनती पूरी न होने की बात कह रही है। अपनी बात साबित करने के लिए एक्सपर्ट्स ने दो बाते कही :-

यह भी पढ़े :-भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष से ‘सरस्वती’ को खोज निकाला

1- नोटबंदी के बाद देश की लगभग 86% करेंसी को नई करेंसी से बदलने के काम में आरबीआई की संचार व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने वाले करेंसी चेस्ट से किया गया था। लेकिन अब ऐसा क्या हो गया जो आरबीआई कह रही है कि उसके अस्थाई करेंसी चेस्ट में पुराने नोटों को रखने का काम बिना किसी गिनती के किया गया था।

2- आरबीआई के नियम अनुसार, उसकी करेंसी चेस्ट में रखी करेंसी से लेकर किसी खातें में करेंसी का संचार करते वक्त पाई-पाई का हिसाब-किताब किया जाता है। इस प्रक्रिया में आरबीआई के हिसाब-किताब के साथ-साथ बैंकों के बही-खाते में भी आंकड़े दर्ज किए जाते हैं।

अब ये सवाल उठता है कि क्या आरबीआई ने करेंसी चेस्ट से पैसा निकालने और बैंक खातों में पैसा जमा करने के काम को बिना गिनती और जांच के अंजाम दिया?

LIVE TV