मोदी का बलूचिस्तान राग ध्यान भटकाने की कोशिश : पाकिस्तान

पाकिस्तानइस्लामाबाद | पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर का राग अलापना जम्मू एवं कश्मीर में अशांति से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है। पाकिस्तान की विदेश नीति के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, “भारत के हिस्से वाले कश्मीर और आजाद जम्मू एवं कश्मीर के बीच अधिक गहरा अंतर नहीं होगा।” अजीज स्वतंत्रता दिवस पर मोदी द्वारा दिए गए भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें उन्होंने बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की आजादी का खुलेआम समर्थन किया था।

पाकिस्तान के सबसे बड़े राज्य बलूचिस्तान पर मोदी ने दिया था बयान

मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने और पाकिस्तान के सबसे बड़े राज्य बलूचिस्तान व पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर अत्याचार करने के लिए भी इस्लामाबाद की तीखी आलोचना की थी।

अजीज ने कहा कि मोदी भारत के हिस्से वाले कश्मीर में पिछले पांच सप्ताहों से पसरी दुखद त्रासदी से दुनिया का ध्यान भटकाने की सिर्फ कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में हजारों की संख्या में निहत्थे युवक आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

अजीज ने अशांति के इन सप्ताहों के दौरान कश्मीरियों पर कार्रवाई की निंदा की। इस दौरान हुए संघर्षो में अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, “वहां लगातार कर्फ्यू लागू है। इन घटनाओं का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने कश्मीर में अलगाववादी अभियान को आत्मनिर्णय का एक स्थानीय आंदोलन करार दिया।

अजीज ने कहा कि मोदी द्वारा बलूचिस्तान का जिक्र करने से पाकिस्तान का यह तर्क साबित हो गया है कि भारत अपनी खुफिया एजेंसी रॉ के जरिए वहां आतंकवाद फैला रहा है।

उन्होंने कहा, “भारत को यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि कश्मीर का मुद्दा गोलियों से नहीं सुलझाया जा सकता। इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर बातचीत के जरिए एक राजनीतिक समाधान की जरूरत है।” भारत ने इस आरोप से इंकार किया है।

अजीज की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब चंद घंटे पहले ही पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर को जम्मू एवं कश्मीर पर बातचीत के लिए इस्लामाबाद आने का निमंत्रण भेजा है।

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