अलग-अलग देशों से ताज का दीदार करने आईं मॉडल्स से उतरवाए गए भगवा दुपट्टे

मॉडल के दुपट्टाआगरा : ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ ये श्लोक अक्सर महिलाओं के सम्मान में लोगों को बोलते सुना होगा. इसका मतलब भी यही है- जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवता वास करते हैं. हमारे देश की संस्कृति का पूरी दुनिया सम्मान करती है. लेकिन सभ्यता और संस्कृति के नाम पर हमेशा से महिलाओं के साथ गलत व्यवहार होता आ रहा है. ऐसा ही कुछ दूसरे देश से आई महिलाओं के साथ हुआ है. संस्कृति के नाम पर उनके कपड़े उतरवाए दिए गए. 34 अलग-अलग देशों से आयी मॉडल के साथ जो व्यवहार हुआ.  वह हमारी सभ्यता और संस्कृति के बिल्कुल अलग है. प्यार के प्रतीक ताजमहल का दीदार करने आईं 34 देशों की मॉडल के दुपट्टा उतरवाने की घटना सामने आई है.

दरअसल मॉडल्स ने धूप से बचने के लिए भगवा ‘रामनामी’ दुपट्टा ओढ़ रखा था. ताजमहल में सुरक्षा के नाम पर इन्हें दुपट्टा उतारने के लिए मजबूर किया गया.

इस मामले में हिंदू जागरण मंच के प्रदेश महामंत्री अविनाश राणा और प्रदेश मंत्री रवि शंकर ने अधीक्षण पुरातत्वविद् भुवन विक्रम को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में विदेशी मॉडल्स के पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से प्रभावित थीं. भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उन्होंने भगवा दुपट्टा ओढ़ा था.

खबरों के मुताबिक, इस खबर के फैलने के बाद गुरुवार को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता घटना के विरोध में सड़क पर उतर आये. हिंदू जागरण मंच के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मॉल रोड स्थित पुरातत्व विभाग के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की.

इसके अलावा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) और हिंदू जागरण मंच जैसे हिंदूवादी संगठनों ने इस घटना के विरोध में शनिवार को भगवा कपड़े पहन कर ताजमहल में घुसने का ऐलान किया है.

आगरा से भाजपा के अध्यक्ष विजय शिवहरे ने सवाल पूछा कि क्या सीएम योगी आदित्यनाथ ताजमहल आयेंगे तो उनके भी कपड़े उतरवाये जायेंगे?

इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि ताजमहल में धार्मिक प्रतीक चिह्न और पूजा सामग्री पर रोक है. जांच के दौरान गाइड ने सभी मॉडल को ताज में प्रतिबंधित सामग्री की जानकारी दी.

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