
–शकुंतला
“मैं हूं लंकापति रावण”… निर्देशक रामानंद सागर के लोकप्रिय धारावाहिक “रामायण ” का नाम सुनते ही इसके सभी किरदार आंखों में आ जाते हैं। वहीं रामायण के दिवानों के लिए एक दुख की खबर है। दरअसल, इस धारावाहिक के रावण यानी अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार को निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। 82 वर्ष की आयु में उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है। जिसकी जानकारी उनके भतीजे ने दी। उनके निधन की खबर से जहां पूरा मनोरंजन जगत गहरे सदमे में है तो वहीं उनके साथी कलाकार सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दुःख व्यक्त कर रहे है।

निजी जीवन में थे राम भक्त
90 के दशक में जब घरों के टीवी पर उनकी आवाज गूंजती थी तो लोगों के रोंगटें खड़े हो जाते थे। इस सीरियल से जहां अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को राम और सीता के रूप में प्रसिद्धि मिली तो वही अरविन्द त्रिवेदी ने अपने दमदार अभिनय से रावण के किरदार को भी यादगार बना दिया। सीरियल में रावण जितने ही राम जी के शत्रु थे असल जीवन में वे उतने ही बड़े राम भक्त भी थे।

उन्होंने खुद बताया था कि शूटिंग के दौरान जब भी कभी वे राम के लिए कड़े शब्दों का प्रयोग करते थे तो बाद में वो हाथ जोड़ कर उनसे माफ़ी मांगते थे। रामायण ही नहीं बल्कि कई और सीरियल में भी अरविंद त्रिवेदी ने अभिनय किया है और अपने किरदार से लोगो का मनोरंजन किया, न सिर्फ टीवी जगत बल्कि फिल्मो में भी अरविन्द ने अभिनय किया उन्होंने लगभग 300 से ज्यादा हिंदी और गुजरती फिल्मों में काम किया।

पहले भी उड़ चुकी है मौत की अफवाह
कोरोना काल में टीवी पर रामायण का प्रसारण एक बार फिर शुरू किया दिया गया था। जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी। उस समय में भी अरविन्द काफी बीमार चल रहे थे। इस वजह से कई बार इनके निधन की अफवाह फैली जिसपर बाद में उनके भतीजे कौस्तुभ ने आ कर सफी दी की चाचा जी बिलकुल ठीक है। साथ ही उन्होंने झूठी खबरे न फ़ैलाने के लिए लोगो से आग्रह भी किया। अरविन्द त्रिवेदी एक्टिंग के साथ साथ पॉलिटिक्स में भी सक्रिय थे उन्होंने साल 1991 में बीजेपी के टिकट पर सांसद भी बने और 5 वर्ष तक अपना कार्यभार संभाला। फिर साल 2002 में वे (CBFC) सेन्ट्रल बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन के अध्यक्ष भी बनाये गए।