मेलबर्न वनडे : आखिरी मैच में सीरीज दांव पर, कोहली ले सकते हैं ये विराट फैसला

मेलबर्न। भारत और आस्ट्रेलिया बीच जारी वनडे सीरीज निर्णायक मुकाम पर पहुंच गई है। दोनों टीमें तीन मैचों की वनडे सीरीज में 1-1 की बराबरी पर है और ऐसे में शुक्रवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में होने वाला तीसरा तथा आखिरी मैच निर्णायक बन गया है।

विराट कोहली

इस मैच की जीतने वाली टीम सीरीज पर कब्जा करेगी। सिडनी में खेले गए पहले वनडे में आस्ट्रेलिया ने 34 रनों से जीत हासिल की थी तो एडिलेड में खेले गए दूसरे मैच में भारत ने कप्तान विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के दम पर बराबरी कर ली थी।

तीसरे वनडे रोमांचक बन गया है, जहां दोनों टीमें अपनी जी जान लगा देने को तैयार हैं। आस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हार की खुन्नस है तो वहीं भारत उस ऐतिहासिक जीत को वनडे सीरीज में दोहराने और दौरे का अंत जीत के साथ करना चाहता है।

कप्तान कोहली जीत के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहते। ऐसे में वह टीम में बदलाव कर सकते हैं। दूसरे मैच में कोहली ने मोहम्मद सिराज को पदार्पण का मौका दिया था जो महंगे साबित हुए थे और टीम को छठे गेंदबाज की कमी खली थी। इस स्थिति को देखते हुए हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर को मौका मिल सकता है।

वहीं चौथे नंबर उतर रहे अंबाती रायडू दोनों मैचों में विफल रहे हैं ऐसे में कोहली बैंच पर बैठे केदार जाधव का इस्तेमाल आखिरी मैच में कर सकते हैं। सिराज के स्थान पर खलील अहमद की वापसी भी हो सकती है।

इसके अलावा टीम में कोई और बदलाव की संभावना कम ही लगती है। रोहित शर्मा, कोहली और धोनी का बल्ला भी चल रहा। दिनेश कार्तिक ने भी दूसरे मैच में धोनी का अच्छा साथ दे अपनी जगह किसी तरह सुनिश्चित कर ली है। हालांकि कोहली, कार्तिक को बाहर बिठाने का दांव खेल सकते हैं।

गेंदबाजी भारत की मजबूत कड़ी है। भुवनेश्वर और मोहम्मद शमी ने पिछले मैच में आस्ट्रेलिया को देथ ओवरों में रनों के लिए तरसा दिया था। वहीं कुलदीप और रवींद्र जडेजा ने भी मध्य के ओवरों में आस्ट्रेलिया बल्लेबाजों पर अंकुश लगाए रखा था। आखिरी मुकाबले में इन सभी से इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद है।

वहीं आस्ट्रेलिया की परेशानी उसकी बल्लेबाजी है। बीते दोनों मैचों में वह 300-320 के पार जाती दिख रही थी लेकिन अंत में विफल रही। उसका मध्य क्रम तो चल रहा है लेकिन वह टीम को बड़ा स्कोर प्रदान करने में असफल हो रहा है। आखिरी मैच में आस्ट्रेलियाई मध्यक्रम को अपनी इस कमी को दूर करना पड़ेगा।

उसके लिए बड़ी चिंता कप्तान एरॉन फिंच की फॉर्म है। फिंच दोनों मैचों में जल्दी पवेलियन लौट गए थे। निर्णायक मुकाबले में कप्तान को अपने बल्ले में लगी जंग को दूर करना होगा। फिंच दोनों मैचों में भुवनेश्वर की इन स्विंगर पर आउट हुए हैं। यह एक तरह से उनकी कमजोरी बनी है।

मध्यक्रम में शॉन मार्श ने पिछले मैच में शतक जड़ा था। उन्होंने पहले मैच में भी अर्धशतक जमाया था। मार्श के अलावा मध्य क्रम में उस्मान ख्वाजा, पीटर हैंड्सकॉम्ब ने भी अच्छी जिम्मेदारी निभाई है।

पहले मैच में जरूर ग्लैन मैक्सवेल का बल्ला नहीं चला था लेकिन दूसरे मैच में उन्होंने उपयोगी पारी खेली थी हालांकि वह टीम को बड़े स्कोर तक पहंचाने में नाकामयाब रहे थे।

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गेंदबाजी में जेसन बेहेरनडोर्फ का खेलना मुश्किल है ऐसे में बिली स्टानलेक को मौका मिल सकता है। नाथन लॉयन पहले दो मैचों में असर नहीं दिखा पाए थे। आस्ट्रेलिया ने लॉयन के स्थान पर एडम जाम्पा को मौका दिया है।

 

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