मुस्लिमों की जान के पीछे पड़ा यूरोप, सुना डाला करो या मरो वाला फैसला

मुस्लिम महिलाएनई दिल्ली। यूरोप में मुस्लिमों के खिलाफ एक बड़ा फैसला सुनाया गया है। यूरोपियन कोर्ट ने अपने यहां की कंपनियों को आदेश दिया है कि अब से वो अपनी मुस्लिम महिलाए कर्मचारियों को हिजाब पहनने से रोक सकेंगी। कार्यालयों में हिजाब पहनने के मामले में यह दुनियाभर में किसी भी अदालत का पहला फैसला है।

रिपोर्ट के अनुसार, अदालत का कहना है कि ऐसी पाबंदी ग्राहकों के अनुरोध पर लागू नहीं की जा सकती हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला बाकी महिलाओं के हित में लिया है।

इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब बेल्जियम में कंपनी जी फोर एस ने अपनी एक महिला रिसेप्शनिस्ट को हिजाब पहनने पर नौकरी से निकल दिया था। महिला ने मामला कोर्ट में घसीटा जहां उसे खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद महिला के गुजारिश करने पर बेल्जियम की अदालत ने यह मामला यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस को भेज दिया था।

माना जा रहा है कि अब अदालत के इस फैसले के बाद अब यूरोप में कंपनियां अपनी महिला  कर्मचारियों को हिजाब पहनने से रोक सकती है। जिसकी उन्हें पूरी छूट दे दी गई है।

पूरे मामले में यूरोप के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि इस तरह की कोई भी प्रतिबंध सभी कर्मचारियों के पूरी तरह से निष्पक्ष होने की नीति पर आधारित होना चाहिए।

हिजाब पर उंगली उठाने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भारत में भी पांचो राज्यों के चुनाव के दौरान मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनकर वोट डालने पे बवाल मचा था।

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