मुक्त व्यापार समझौते (RCEP) में शामिल होने से भारत का इंकार, PM मोदी ने दिया दो टूक जवाब
भारत ने मुक्त व्यापार समझौता में शामिल होने से इनकार कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी भागीदारी (RCEP) समझौते में शामिल न होने का फैसला किया है. इस समझौते में पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ प्रमुख मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है जिसके वजह से उन्होंने यह कहते हुए इस समझौते से इनकार कर दिया है कि भारत अपने कोर हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. आपको बता दें कि पीएम मोदी के मुताबिक आरसीईपी (RCEP) समझौता इसकी मुख्य उद्देश्य को प्रकट नहीं कर रहा है इसका परिणाम उचित या संतुलित नहीं है.
आपको बता दें कि इस समझौते में कुछ मुद्दे भारत की समस्याओं को दूर करते हुए नहीं दिखाई दे रहे थे इनमें से प्रमुख मुद्दे चीन के साथ अपर्याप्त अंतर, आयात वृद्धि के खिलाफ अपर्याप्त सुरक्षा, उत्पत्ति के नियमों की संभावित ढकोसला, 2014 के रूप में आधार वर्ष को ध्यान में रखते हुए और बाजार पहुंच व गैर टैरिफ बाधाओं पर कोई विश्वसनीय आश्वासन नहीं दिया गया. जिसकी वजह से भारत ने इस समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस समझौते के दौरान फ्रंटफुट पर आते हुए कहा कि अब वो दिन चले गए जब भारतीय वार्ताकारों ने व्यापार मुद्दों पर वैश्विक शक्तियों के दबाव में देश को खोखला कर दिया था. इस बैठक के दौरान व्यापार घाटे में भारत के मुद्दों पर उसकी समस्याओं को दूर करने की जरूरतों और भारतीय सेवाओं और निवेश के लिए बाजार खोलने के लिए देश की आवश्यकताओं पर जोर दिया है. सरकारी सूत्रों की मानें तो भारत का रुख व्यावहारिकता का मिश्रण है। इसमें गरीबों के हितों की रक्षा करने और भारत के सेवा क्षेत्र को लाभ देने के प्रयास का आग्रह किया गया है.