
रिपोर्ट- अनुज कौशिक
जालौनः जालौन में शुक्रवार को हुयी बेमौसम बरसात और ओलों ने किसानों की हजारों एकड़ फसल को बर्बाद कर दिया था, जिससे किसान परेशान हो गया। वहीं शासन द्वारा खरीफ की फसल का अभी तक मुआवजा व बीमा राशि न मिलने से नाराज व परेशान किसानों ने उरई-कोंच मार्ग को जाम करके जिला प्रशासन व भाजपा सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जाम की सूचना पर भाजपा सांसद, विधायक व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन माहौल खराब होते देख सांसद वहाँ से निकल लिये लेकिन एडीएम और एट थानाध्यक्ष ने किसानों को समझाया और 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम खुलवायाl
बता दे कि शुक्रवार को उरई और कोंच तहसील में मूसलाधार बारिश के साथ ओलव्रष्टि हुयी थी, जिससे उरई व कोंच तहसील के पनयारा, सिमिरिया, कैथी, हरदोई गूजर सहित दर्जनों गांवों के किसानों की मटर, मसूर, सरसों, चना की फसल तबाह हो गई थी। इस फसल के नुकसान के लिये जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों को भेजा गया था जिससे किसानों की नुकसान हुयी फसल का सर्वे कराया जा सके और किसानों को बीमा राशि के साथ शासन से मुआबजा दिया जा सके।
लेकिन इस दैवीय आपदा से तबाह किसान को पिछला मुआबजा अभी तक नहीं मिला जिससे किसान जिला प्रशासन के इस सर्वे से नाराज हो गया और उरई-कोंच मार्ग पर जाम लगा दिया। यह जाम सांसद आदर्श गाँव हरदोई गूजर में लगाया गया। नाराज किसानों ने इस रोड पर ट्रैक्टर-ट्राली बीच में लगा दी और जिला प्रशासन व भाजपा सांसद भानु प्रताप वर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम की सूचना पर एडीएम प्रमिल कुमार, भाजपा सांसद भानु वर्मा के साथ विधायक उरई गौरीशंकर वर्मा व जिलाध्यक्ष रामेन्द्र सिंह पहुंचे और नाराज किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान सांसद पर ही आक्रोशित हो गये।
जिन्हे किसानों के गुस्से का कोप भाजक बनना पड़ा और सांसद और विधायक को वापिस लौटना पड़ा। बाद में जालौन के एडीएम प्रमिल कुमार और एट थानाध्यक्ष अरुण तिवारी ने सूझबूझ से किसानों को समझाया और उन्हे भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को माना जायेगा और शासन को इसकी रिपोर्ट देकर उचित मुआबजा दिया जायेगा, तब कही जाकर किसानों ने 3 घंटे बाद जाम खोला। इस जाम से उरई से कोंच जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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जाम लगाये किसानों का कहना है कि बीमा कंपनी प्रीमियम तो जमा करा लेती है लेकिन जब फसल बर्बाद हो जाती है तो वह कोई भी बीमा राशि नहीं देती है, खरीफ की फसल का नुकसान हो जाने के बाद अभी तक उसका बीमा नहीं दिया गया। इसके अलावा जब तक उन्हे 10 से 25 हजार रुपये एकड़ की राशि नहीं दी तब तक वह लगातार प्रदर्शन करेंगे।
वहीं इस मामले में एडीएम प्रमिल कुमार ने बताया कि किसानों की जो भी फसल का नुकसान हुआ है उसका सर्वे कराया जायेगा और उन्हे जल्द ही सहसन से मुआबजा दिलाया जायेगा।