
नई दिल्ली। मीरा कुमार ने बुधवार सुबह राजघाट पहुंचकर बापू को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद वो नामांकन दाखिल करने संसद पहुंचीं। जिसमें शामिल होने कई विपक्षी नेता पहुंचे। दरअसल विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार अपना नामांकन दाखिल किया है। मीरा कुमार के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई नेता मौजूद रहे। लेकिन फिर भी एक जगह वे चूक गए। वो चूक ये है कि एनडीए ने जितनी ताकत दिखा दी उतनी ताकत कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां मिलकर भी नहीं दिखा पाईं।
विपक्ष को गर्व की अनुभूति
मीरा कुमार के नामांकन करने से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि बांटने की नीति के खिलाफ हमनें देश को एक करने की विचारधारा को आगे रखा है। मीरा कुमार हमारी उम्मीदवार हैं, इस पर गर्व है।
इससे पहले उन्होंने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह अपना चुनाव प्रचार साबरमती आश्रम से शुरू करेंगी। मीरा कुमार ने मंगलवार को प्रेस से भी बात की थी।
Against the ideology of divisiveness she represents the values that bind us as a nation&a ppl.Proud to have @meira_kumar ji as our candidate https://t.co/R7M5udN44y
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 28, 2017
लड़ाई विचारधारा की
मीरा कुमार ने कहा कि विपक्ष की पार्टियों ने सर्वसम्मति से मुझे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया। विपक्षी दलों की एकता समान विचारधारा पर आधारित है। मीरा कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों, पारदर्शिता, प्रेस की आजादी और गरीब का कल्याण हमारी विचारधारा के अंग हैं, इनमें मेरी गहरी आस्था है।
बैकलेस तस्वीरों में नजर आया बेबो का ग्लैमरस अंदाज
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मैं इस विचारधारा पर ही राष्ट्रपति चुनाव लडूंगी। मीरा कुमार ने कहा कि मैंने सभी निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिख मेरा समर्थन करने की अपील की है, उनके सामने इतिहास रचने का अवसर है।
पहले नहीं होता था जाति का जिक्र
मीरा कुमार ने कहा कि मैं अपना प्रचार साबरमती आश्रम से शुरू करुंगी। उन्होंने कहा कि बहुत जगह ये चर्चा है कि दो दलित आमने-सामने हैं। हम अभी भी ये आकलन कर रहे हैं कि समाज किस तरह सोचता है। जब उच्च जाति के लोग उम्मीदवार थे, तो उनकी जाति की चर्चा नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि जाति को गठरी में बांधकर जमीन में गाड़ देना चाहिए, और आगे बढ़ना चाहिए।