मिड-डे मील मेन्यू में बदलाव से संस्थाएं नाराज़, याचिका दायर

मिड-डे मील योजनामेरठ| मिड-डे मील योजना के मेन्यू में किए गए बदलाव को लेकर संस्थाओं ने नाराजगी जताई है। संस्था संचालकों ने  मेन्यू में बदलाव के बाद अब कन्वर्जन कास्ट में भी बदलाव की मांग की है|

संस्था चालकों का कहना है कि राज्य सरकार को तो मेन्यू बदलने का अधिकार ही नहीं है। ये योजना केंद्र सरकार की है। दरें केंद्र सरकार को तय करनी चाहिए। संचालकों की ओर से इस संबंध में एक याचिका भी हाईकोर्ट में दायर की गई है।

मिड-डे मील योजना

बता दें कि मेन्यू बदलने से पहले हर बुधवार को प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 200 मिली लीटर दूध प्रति बच्चे को दिया जाता था। इसके साथ को ताहरी व चावल दिया जाता था। उसे बदलकर 150 मिलीलीटर दूध के साथ तहरी की व्यवस्था की गई|

वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए मानक 200 मिलीलीटर दूध ही रखा गया वहीं पूरे हफ्ते की जो कन्वर्जन कास्ट है उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। प्राइमरी के बच्चों के लिए औसतन प्रति छात्र 3.76 रुपये व उच्च प्राइमरी के बच्चों के लिए औसतन प्रति छात्र कास्ट 5.61 रुपये है।

इस कन्वर्जन कास्ट में छात्रों को मेन्यू के अनुसार दोपहर का भोजन नहीं मिल रहा है। छात्रों को ज्यादातर स्कूलों में तहरी ही परोसी जा रही है। परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक भी मिड-डे मील देने में खेल कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों की इसकी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिकारियों की मिलीभगत और कन्वर्जन कास्ट कम होने के कारण छात्रों को पौष्टिक खाना नहीं मिल रहा है।

इस मामले में बीएसए मौ. इकबाल का कहना है कि मेन्यू में बदलाव के लिए शासन ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित की। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बदलाव किया गया।

प्रस्तुति  : आदेश कुमार

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