मालेगांव विस्फोट : साध्वी प्रज्ञा की जमानत याचिका नामंजूर

मालेगांव विस्फोटमुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को 2008 मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत याचिका नामंजूर कर दी।

साध्वी प्रज्ञा ने अपनी याचिका में कहा था कि एनआईए द्वारा जुटाए गए सबूतों के अनुसार उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। लेकिन, विशेष न्यायाधीश एन. ए. तिकोले ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथमदृष्टया सबूत उपलब्ध हैं, इसलिए जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।

मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए को आपत्ति नहीं

एनआईए ने पिछले महीने जमानत के लिए अपनी अनापत्ति दे दी थी और कहा था कि साध्वी के खिलाफ जो सबूत हैं, वे उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

साध्वी ने कहा कि ‘उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है’, इसलिए उन्हें जमानत दे दी जाए। उन्होंने अदालत में यह दलील भी दी कि कुछ गवाह, जिनके बयानों के आधार पर उन पर मामला दर्ज किया था, बाद में मुकर गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी।

उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में सात लोग मारे गए थे।मालेगांव विस्फोट के एक पीड़ित ने भी साध्वी प्रज्ञा की जमानत का विरोध किया था। उनका कहना था कि उन्हें जमानत दिए जाने पर विस्फोट में घायल हुए गवाहों की जान को खतरा होगा।

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