मायावती : RSS, बीजेपी एंड कंपनी की कथनी-करनी में काफी अंतर
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर अब सियासत शुरू हो चुकी है। इसको ले कर सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस मसले पर टिप्पणी की। मायावती ने कहा कि मोहन भागवत का बयान ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ जैसा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जहां भी चल रही हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चल रही हैं। मायावती ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है। आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों और इनकी सरकारों की कथनी और करनी में अंतर सभी देख रहे हैं। ये जो कहते हैं वो उसका उल्टा ही करते हैं। मोहन भागवत का दिया गया ताज़ा बयान लोगों को अविश्वसनीय लगता है, ये बयान मुंह में राम, बगल में छुरी वाला लगता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि भागवत देश की राजनीति को विभाजनकारी बताकर जो कोस रहे हैं, वो सही नहीं है। सच्चाई तो ये है कि बीजेपी की सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा आ लोगों को परेशान किया हुआ है। मोहन भागवत देश की राजनीति को विभाजनकारी बताकर जो कोस रहे हैं, वो सही नहीं है। सच्चाई तो ये है कि बीजेपी की सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा आ लोगों को परेशान किया हुआ है।
मोहन भागवत ने की DNA पे चर्चा
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू- मुस्लिम एकता की बातें भ्रामक हैं क्योंकि यह दोनों अलग नहीं बल्कि एक है। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहें वो किसी भी धर्म के क्यों न हो। लोगों के बीच पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि हम 40 हजार साल से एक ही पूर्वज के वंशज हैं। भारत में लोगों का डीएनए एक जैसा है।
साथ ही भागवत ने कहा कि भय के इस चक्र में न फंसे कि भारत में इस्लाम खतरे में है। विकास देश में एकता के बिना संभव नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों का गौरव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान ‘संवाद’ है, न कि ‘विसंवाद’। उन्होंने कहा कि भारत में इस्लाम को किसी तरह का खतरा नहीं है। मुसलमानों को इस तरह के किसी डर में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई हिंदू कहता है कि किसी मुसलमान को यहां नहीं रहना चाहिए तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं हो सकता। ऐसा कहने से वो चर्चा में आ सकता है लेकिन इसके बाद वो हिंदू नहीं है।