ये है इस्लाम का सच, पति को बिन बताए दहलीज के बाहर रखा कदम और हलाक

काबुल। इस्‍लामिक देशों में महिलाओ की स्थिति बद से बदतर है इसका जीता जागता उदाहरण है अफगानिस्‍तान है। जहां पर आज भी महिलाएं अपनी मर्जी से कहीं आ जा नहीं सकती हैं।

महिलाओ की स्थिति

यहां पर कुछ चरमपंथियों ने मामूली सी बात पर एक महिला का सर धड़ से अलग कर दिया है। महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि वह अपने पति को साथ लिए बि‍ना ही शहर चली गयी थी।

खबरों के मुताबिक यह घटना अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत के लट्टी टाउन के पास स्थित एक गांव की है। यह एरिया तालिबान के कब्‍जे में है। सर-ए-पुल प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता जबिउल्लाह अमानी ने बताया कि 30 वर्षीय महिला को इसलिए मारा गया क्योंकि वो अपने पति को साथ लिए बिना शहर चली गई थी। महिला का पति ईरान में रहता है।

महिला शहर में शॉपिंग करने गई थी। तालिबानी कब्‍जे वाले इलाकों में महिलाओं को बिना किसी नजदीकी पुरुष साथी को साथ लिए घर से बाहर निकलने की मनाही है। तालीबानी कब्‍जे वाले इलाकों में महिलाओं को काम करने और शिक्षा ग्रहण करने की भी इजाजत नहीं दी जाती है तथा उनके लिए बुर्का पहनना अनिवार्य है।

तालिबान ने ऐसे किसी मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। इस महीने की शुरूआत में दक्षिणी कान्धार स्थित एयरपोर्ट पर काम करने वाली पांच अफगानी महिलाओं को एक अज्ञात बंदूकधारी शख्स ने गोली मार दी थी, जिसमें सभी महिलाओं की मृत्यु हो गई थी। इस साल अफगानिस्तान में महिलाओं को निशाना बनाने के कई मामले प्रकाश में आए हैं। अफगानिस्तान में महिलाओं के बुनियादी अधिकारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी अपनी चिंता जाहिर की है।

तालिबान अफगानिस्तान के कम से कम पांच प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा करने के बहुत करीब पहुंच चुका है। कुंदूज और उरुजगान में तो एक-एक बार वे अपना झंडा फहरा भी चुके हैं। उत्तरी प्रांत कुंदूज में अक्टूबर की शुरुआत में और उरुजगान में सितंबर के मध्य में कुछ समय के लिए तालिबान का कब्जा हो गया था। इस वजह से दसियों हजार लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए थे।

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