मान के वीडियो की जांच का समय बढ़ा, आप ने बताया दुर्भावनापूर्ण
नई दिल्ली | लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत सिंह मान के बनाए विवादित वीडियो की जांच के लिए गठित समिति को दो हफ्ते का और समय दिया है।
आप ने इसे एक ‘अभूतपूर्व दुर्भावनापूर्ण कदम’ करार दिया है।
महाजन ने लोकसभा को यह भी बताया कि जब तक समिति फैसला नहीं ले लेती, मान को सदन में नहीं आने को कहा गया है।
मान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने दो हफ्ते का समय विस्तार दिया
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ” समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद किरीट सोमैया के आग्रह के बाद नौ सदस्यीय समिति को इसकी जांच के लिए दो हफ्ते का समय विस्तार दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मान को जब तक फैसला नहीं ले लिया जाता, तब तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने को कहा गया है।”
आप का आरोप भारतीय जनता पार्टी ने सांसद भगवंत मान के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान शुरू कर दिया है।
आशीष खेतान ने कहा, “विशेष रूप से भाजपा के सांसद सहित सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी सांसद मान को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। यह हमारे सांसद के खिलाफ अभूतपूर्व दुर्भावनापूर्ण अभियान है।”
उन्होंने सवाल किया, क्या मान अपराधी हैं? क्या वह आतंकी हैं? क्या उन्होंने कोई इतना बड़ा अपराध किया है कि जांच समिति को जांच के लिए और दो हफ्ते का समय चाहिए?
खेतान ने कहा, “संसद के एक हिस्से का वीडियो बनाकर मान ने अपने फेसबुक पर डाला था। जब उस वीडियो को डालने की कई सांसदों ने निंदा की तो मान ने संसद में माफी मांग ली थी। मामला वहीं खत्म हो जाना चाहिए था।”
उन्होंने कहा कि भाजपा मान की आवाज दबाना चाहती है क्योंकि उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं।
आप नेता ने कहा, “यह शर्मनाक है कि संसद में दलित उत्पीड़न, भ्रष्टाचार, महंगाई पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। सारा ध्यान भटककर हमारे सांसद पर है।”
इस बीच मान के वीडियो की जांच कर रही समिति ने कहा कि इस मुद्दे पर सांसद (मान) के रुख में अंतर्विरोध है।
सोमैया ने कहा, “हम लोगों ने मान को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए चार अवसर दिए लेकिन उनमें अंतर्विरोध है। हम लोग इसे निश्चित रूप से गंभीरता से ले रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि हम लोग विशेषज्ञों से भी सलाह लेना चाहते हैं जो उन कदमों के बारे में सुझाव दे ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में नहीं दोहराईं जाएं।
इस समिति को तीन अगस्त को ही अपनी रिपोर्ट जमा करनी थी।