मध्यप्रदेश। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राजनीति और भेदभाव के आरोप लगाए हैं. गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ मिलकर उन्होंने राजनीति के चने भुनाने की कोशिश की लेकिन अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लिखे पत्र ने उन्हें दुविधा में डाल दिया है. इस पत्र में शिवराज ने ममता से अनुरोध किया है कि वह इंदौर में रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए एक विशेष इंदौर-कोलकाता ट्रेन की आवश्यकता के बारे में रेल मंत्रालय को सूचित करें. यह विशेष ट्रेन उन लोगों के लिए चलाई जाएगी जो पश्चिम बंगाल में अपने मूल स्थानों पर लौटना चाहते हैं.
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चिट्ठी से पशोपेश में ममता बनर्जी
शिवराज की चिट्ठी ने ममता बनर्जी को पसोपेश में डाल दिया है। ममता तल्ख अंदाज में केंद्र सरकार पर गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगा चुकी हैं। उनपर भाजपा ने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए कम ट्रेनें चलाने का आरोप लगाया है। ऐसे में रेल मंत्रालय से पश्चिम बंगाल के लिए अलग से ट्रेन चलाने की मांग करने से उनके लिए सियासी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। वहीं, शिवराज की चिट्ठी की अनदेखी करने से अपने राज्य के मजदूरों पर ध्यान नहीं देने का आरोप भी लगेगा।
ममता बनर्जी पर हमलावर भाजपा
इससे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि ममता बनर्जी ने अजमेर दरगाह में फंसे लोगों को निकालने के लिए ट्रेन चलाई, लेकिन अन्य जगहों से क्यों नहीं चलाई। बाकी जगहों से फंसे लोगों को लाने में बंगाल सरकार की कोई रुचि नहीं है।
उन्होंने पूछा था कि आखिर ममता सरकार श्रमिक ट्रेनों को चलाने की इजाजत क्यों नहीं दे रही है। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य श्रमिक ट्रेनें चलाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। संबित पात्रा ने कहा कि जिस राज्य में मजदूर हैं और जहां उन्हें जाना है, वहां दोनों राज्यों की सरकारों से अनुमति लेनी पड़ती है। अभी तक पश्चिम बंगाल की सरकार ने सिर्फ नौ ट्रेनों को जाने की मंजूरी दी है।