मणिमहेश : यहां शिवमणि से नीला हो जाता है सरोवर
चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक जगह है मणिमहेश। हर साल यहाँ होने वाली मणिमहेश कैलाश यात्रा, छोटी अमरनाथ यात्रा के नाम से मशहूर है। हर साल श्रद्धालु मणिमहेश सरोवर में स्नान के लिए 13,500 फीट की ऊंचाई वाली इस गगाह पर आते हैं।
मणिमहेश सरोवर से पूर्व की ओर प्रसिद्ध कैलाश पर्वत है, जिसकी ऊंचाई करीब 18,564 फीट है। यहां सूरज उगने से पहले आसमान में नीलिमा छा जाती है। सूर्य के प्रकाश की किरणें नीले रंग में निकलती है, जिससे चारों ओर नीला दिखाई पड़ता है।
मणिमहेश सरोवर के पास सुबह में होने वाले इस चमत्कारिक नीलिमा को ही लोग भगवान शिव की मणि समझते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि महादेव की मणि से ही यहां का रंग बदल जाता है।
कहते हैं कि, यहां के राजा साहिल वर्मा ने अपनी बेटी के नाम पर चंबा शहर को बसाया था। उसी समय चरमपटनाथ नाम के एक शिवभक्त हुए थे। चरपटनाथ के सलाह पर साहिल वर्मा ने मणिमहेश-कैलाश की यात्रा शुरू की थी।
हर साल सितंबर माह में पवित्र मणिमहेश यात्रा होती है। यात्रा का पहला जत्था चंबा के भरमौर से रवाना होता है और 25 किमी पैदल चलकर श्रद्धालु मणिमहेश सरोवर तक पहुंचते हैं। यहां हेलीकॉप्टर से पहुंचने की भी व्यवस्था है।