‘भ्रष्टाचार रोकने वाली संस्थाओं को मोदी ने किया कमजोर’
भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व मध्यप्रदेश इकाई के प्रभारी मोहन प्रकाश ने शुक्रवार को नोटबंदी पर पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बात तो कालाधन और भ्रष्टाचार खत्म करने की करते हैं, मगर उनकी कार्यशैली ठीक उलट है। वे भ्रष्टाचार को रोकने वाली संस्थाओं को ही कमजोर करने में लगे हैं।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में यहां शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मोहन प्रकाश ने कहा, “मोदी ने नोटबंदी का निर्णय अपने कुछ उद्योगपति मित्रों और विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया है। आज गरीब, मजदूर परेशान है और रोजगार पर संकट मंडराया हुआ है, एक तरफ लोगों को दो हजार रुपये पाने के लिए बैंकों की कतार में घंटों खड़े रहना पड़ रहा है तो दूसरी ओर सत्ता का संरक्षण प्राप्त लोगों के यहां करोड़ों रुपये पहुंच रहे हैं।”
मोहन प्रकाश का आरोप है कि नोटबंदी का ऐलान करते वक्त कहा गया था कि यह निर्णय भ्रष्टाचार रोकने व कालाधन बाहर लाने के लिए है, मगर यह सच नहीं है, क्योंकि भ्रष्टाचार को रोकने में मददगार संस्था सूचना के अधिकार के आयुक्तों के पद खाली पड़े हैं, लोकपाल भी अब तक अस्तित्व में नहीं आ पाया है। इसकी कोई चर्चा भी नहीं है।
अपरोक्ष रूप से अमेरिका पर हुए आतंकी हमले की तुलना नोटबंदी से करते हुए उन्होंने कहा, “अमेरिका अब तक आतंकी हमले (9/11) से उबर नहीं पाया है, इसी तरह का असर देश अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी से पड़ने वाला है। नोटबंदी से देश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है, अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, जनता परेशान है, रिजर्व बैंक की साख पर असर पड़ा है। इन हालात से उबरने में कई वर्ष लग जाएंगे।”
नोटबंदी के लेकर केंद्र सरकार के बदलते बयानों पर भी मोहन प्रकाश ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “पहले नोटबंदी से भ्रष्टाचार पर रोक लगने, कालाधन बाहर आने सहित कई अन्य बातें कही गईं, मगर अब कैशलेस की बात कही जा रही है। कार्ड से भुगतान करने पर 2.5 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ता है। यह तो जनता की जेब पर डाका है।”
मोहन प्रकाश ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि इस अतिरिक्त राशि में उनका कमीशन कितना है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से होने वाली परेशानी और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिशों के विरोध में कांग्रेस ने छह जनवरी को देशव्यापी आंदोलन का आयोजन किया है।
मोहन प्रकाश ने कहा, “इस समय देश पर प्राकृतिक नहीं, मोदी आपदा आई हुई है। नोटबंदी के 50 दिनों में 115 लोगों की जान चली गई है। प्रधानमंत्री ने इन लोगों के प्रति संवेदना के दो शब्द तक नहीं बोले, जबकि इन मौतों की जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।”