भिन्डी के फायेदे
एजेंसी/ भिन्डी में विटामिन ए, बी, सी बहुत ही प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसमे प्रोटीन और खनिज लवणों का एक अच्छा स्रोत है. भिन्डी गैस्टिक,अल्सर के लिए प्रभावी दवा है. मृदुकारी भिन्डी संवेदनशील बड़ी आंत की सतह की रक्षा करती हैं जिससे ऐठन रुक जाती हैं. इसके सेवन से आंत में जलन नहीं होती है.
भिन्डी के लस के नियमित सेवन से गले, पेट, मलाशय और मूत्रमार्ग में जलन नहीं होती है. भिन्डी का काढ़ा पीने से सुजाक, मूत्रकृच्छ, और ल्यूकोरिया में फायदा होता हैं. बीजरहित ताजा दो भिन्डी प्रतिदिन खाना श्वेतप्रदर, नंपुसकता, धातु गिरना रोकने में सहायक है. इसमें मौजूद विटामिन बी,गर्भ को बढ़ने में मदद करता है और जन्मजात विकृतियों को रोकता है.
मधुमेह में इसके रेशे ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते है. इसका विटामिन सी श्वास रोगों से बचाता है. इसके सेवन से त्वचा अच्छी दिखती है. भिन्डी को उबाल कर, मसल कर इसे त्वचा पर थोड़ी देर लगा कर रखें. धोने के बाद आप पायेंगे कि त्वचा बहुत मुलायम और ताजगी भरी लग रही है. इसका सेवन कोलोन कैंसर से नहीं होता है. इसका विटामिन ए म्यूकस मेम्ब्रेन बनाने में मदद करता है,जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है.