भारत में 4जी के ज़माने में क्यों बेच रहे हैं 5जी स्मार्टफोन? जानें वजह…

इस वक्त स्मार्टफोन लोगों की जरुरत बन चुका है. इसके बिना लोगों के काम अधूरे हैं. इस वक्त स्मार्टफोन में तेज़ी से नेट चलाने के लिए हम अलग-अलग कंपनियों के प्लान डलवाते हैं. 4जी के जमाने में हम काफ़ी तेजी से नेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत में 5जी नेटवर्क नहीं है लेकिन 5जी स्मार्टफोन लॉन्च होने लगे हैं. इसकी शुरुआत चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी रियलमी ने अपने स्मार्टफोन Realme X50 Pro 5G के साथ की है.

5G

इसी के साथ फेमस मोबाइल कंपनी वीवो के सब-ब्रांड iQOO ने भी अपना 5जी फोन iQOO 3 भारत में लॉन्च कर दिया है. तो असल में देखा जाए तो दो ऐस कंपनियां हैं जो 5जी की सुविधा लेकर आईँ हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये आता है मन में कि आखिर जिस देश में लोगों को 4जी की सुविधा भी ढंग से नहीं मिल रही, वहां 5जी स्मार्टफोन को लॉन्च करने का क्या मतलब है?

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मोबाइल इंटरनेट की पांचवी पीढ़ी 5जी नेटवर्क है जिसकी स्पीड 4जी के मुकाबले कहीं अधिक होगी। इसका बड़ा फायदा वीडियो स्ट्रीमिंग और डाटा ट्रांसफर में मिलेगा। 5जी नेटवर्क रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का सबसे बड़ा उदाहरण होगा। 5जी आने के बाद आप मोबाइल पर ही 8डी वीडियो देख पाएंगे। लोगों को हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा जो कि स्मार्ट सिटी और स्मार्ट होम के लिए वरदान होगा।  4जी पर फिलहाल 45 एमबीपीएस तक की स्पीड मिल रही है लेकिन 5जी नेटवर्क की स्पीड इससे 20 गुणा अधिक तक हो सकती है। 5जी नेटवर्क हाई फ्रीक्वेंसी बैंड यानी 3.5GHz से 26GHz या इससे ऊपर की फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करेगा।

 

समय से पहले भारत में 5जी स्मार्टफोन की लॉन्चिंग को लेकर साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) के इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के प्रमुख प्रभु राम का कहना है कि 4जी के साथ 5जी सपोर्ट वाले स्मार्टफोन बाजार में उनलोगों को ध्यान खींचेंगे जिन्हें लेटेस्ट डिवाइसेज पसंद हैं। 4जी और 5जी मोबाइल की कीमत के बीच भी ज्यादा अंतर नहीं है। ऐसे में 5जी का भविष्य देखते हुए लोग 5जी स्मार्टफोन को खरीदेंगे, ताकि उन्हें आने वाले एक साल के अंदर अपने 4जी फोन को 5जी में अपग्रेड करना ना पड़े। वहीं अब सवाल यह है कि जब भारत में 5जी नेटवर्क अभी है ही नहीं तो फिर आईकू और रियलमी जैसी स्मार्टफोन कंपनियां 5जी स्मार्टफोन क्यों लॉन्च कर रही हैं?

दरअसल ये कंपनियां 5जी मोबाइल मार्केट में अपनी जगह पक्की करना चाहती हैं, इसलिए 5जी के भविष्य को देखते हुए भारत में 5जी सपोर्ट वाले स्मार्टफोन पेश किए जा रहे हैं। यह भी सच है कि 2021-22 भारत में 5जी का मार्केट होगा। ऐसे में ये कंपनियां पहले से ही इसकी तैयारी में जुट गई हैं। साइबर मीडिया रिसर्च का मानना है कि 2025 तक भारत में 5जी स्मार्टफोन की शिपमेंट 14.4 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

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टेक एक्सपर्ट और यूट्यूबर अभिषेक भटनागर का  कहना है कि चिपसेट निर्माता कंपनी क्वॉलकॉम जान-बूझकर मोबाइल कंपनियों को अपने 5जी सपोर्ट वाले प्रोसेसर स्नैपड्रैगन 865 के साथ मोबाइल लॉन्च करने पर मजबूर कर रही है, क्योंकि कोई भी स्मार्टफोन कंपनी अपने फोन को लेटेस्ट प्रोसेसर के साथ ही पेश करना पसंद करेगी। ऐसे में क्वॉलकॉम इसका फायदा उठा रही है, क्योंकि यदि क्वॉलकॉम 4जी के सपोर्ट के साथ प्रोसेसर देती है तो वह सस्ते में बिकेगा लेकिन 5जी के लिए उसे अच्छी कीमत मिलेगी।

इसे एक उदाहरण से समझें तो वीवो के सब-ब्रांड आईकू ने iqoo 3 को तीन वेरियंट में पेश किया है। तीनों वेरियंट में एक ही प्रोसेसर स्नैपड्रैगन 865 दिया गया है लेकिन सिर्फ एक ही वेरियंट में 5जी का सपोर्ट करता है, ऐसा क्यों? इसका जवाब यह है कि iqoo 3 के सस्ते (4जी) वाले वेरियंट में 5जी मॉडेम को डिसेबल किया गया है, जिसकी वजह से कंपनी को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) सर्टिफिकेशन के लिए कम पैसे देने पड़े हैं, लिहाजा यह वेरियंट सस्ता है। बता दें कि स्नैपड्रैगन 865 प्रोसेसर में 5जी के लिए X55 5G मॉडम का इस्तेमाल हुआ है।

 

 

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