भारत-चीन विवाद के बीच रक्षा मंत्री ने किया सैनिकों को याद, CDS विपिन रावत ने भी किया बड़ा ऐलान

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनातनी जारी है। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारतीय सैनिकों का आभार मानते हुए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि, हिमालय पर हुई गतिविधियों ने हमें यह बात याद दिलाई है कि दुनिया कितनी तेजी से बदल रही है। चुनौती के इस समय में हमारी सेना ने चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला किया और उन्हें पीछे लौटने पर मजबूर किया। 

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फिक्की की 93वीं आम बैठक में शामिल हुए। जिसमें उन्होंने कहा कि, हमारे हिमालयी मोर्चे पर अकारण आक्रामकता इस बात की याद दिलाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है। मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है। कैसे हिमालय में ही नहीं बल्कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में भी तनाव पैदा किया जा रहा है। 

भारत के रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, लद्दाख में LAC पर सशस्त्र बलों का बड़ी तैनाती है। इस चुनौतीपूर्ण समय में, हमारी सेनाओं ने अनुकरणीय साहस और उल्लेखनीय धैर्य दिखाया है। उन्होंने पीएलए के सैनिकों के साथ अत्यंत बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी और उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जब दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही थी, तब भारतीय सशस्त्र बल हमारी सीमाओं की बहादुरी से रक्षा कर रहे थे। कोई वायरस हमारे सशस्त्र बल को उनकी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकता है। 

इतना ही नहीं भारतीय सैनिकों के इस योगदान को रक्षा मंत्री ने बताया कि इसे आने वाली पीढ़िया याद करेंगी। उन्होंने कहा कि, इस राष्ट्र की आने वाली पीढ़ियों को इस बात पर गर्व होगा कि इस वर्ष हमारी सेनाएं क्या हासिल कर पाई हैं। जब भी एलएसी में कोई स्थिति होती है, सबसे स्पष्ट परिणाम भारत और चीन की सैन्य ताकत के बीच तुलना है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि, हम सीमापार आतंकवाद के शिकार हुए हैं। जब हमारा समर्थन करने वाला कोई नहीं था, उस समय भी हमने अकेले संघर्ष किया है। लेकिन बाद में दुनिया ने समझा कि हम पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर बिल्कुल सही थे। 

इसी कड़ी में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) भी ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सेना सीमा पर दुश्मनों को करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। रावत ने कहा कि, ” मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय सशस्त्र बल हमारे सीमा की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कोरोना महामारी के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीन प्रयास कर रहा है, हालांकि सेना ने इससे निपटने के लिए भूमि, समुद्र और वायु पर उच्च-स्तरीय तैयारी की हुई है।”

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