इस तरह समझा जा सकता है भारत-ईरान के संबंधों को, बढ़ सकती हैं डॉलर की मुश्किलें

नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से अमेरिका और ईरान संबंधों में घटास चल रही है। इसी लिए अमेरिका ने ईरान पर रोक लगा दी है। अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड टंप ने खुद कहा था कि इस प्रतिबंध के तहत दुनिया का कोई भई देश ईरान से ट्रेड नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर उसे अमेरिका की नाराजगी मोल लेनी पड़ेगी।


इस दशा में भारत ईरान के साथ संबंधों की नई उड़ान भरते हुए रुपए और रियाल में द्विपक्षीय कारोबार करने का फैसला ले सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन दोनों देशों के बीच यह समझौता हो सकता है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो, अगर भारत-ईरान के बीच यह समझौता हो गया तो भारत की डॉलर पर से निर्भरता काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

चूंकि अभी तक भारत ईरान से कच्चा तेल खरीदने के लिए डॉलर पर ही निर्भर है। ऐसे में यदि यह समझौता हुआ तो भारत रुपए का इस्तेमाल करके ईरान से कच्चा तेल खरीद पाएगा।

इसके अलावा इस समझौते का भारत को एक अन्य फायदा भी हो सकता है। अगर इस समझौते ने हकीकत का रुप लिया तो भारत को ईरान से खरीदे जा रहे कुल कच्चे तेल की कीमत का आधा दाम ही देना होगा। क्योंकि बाकी की आधी पूंजी के बदले भारत ईरान में अपने उत्पाद निर्यात कर पाएगा।

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बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने मई में अमेरिका को 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाए थे। ट्रंप ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को 4 नवंबर तक अपना आयात घटाकर शून्य करने के लिए कहा था। इसके साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी थी।

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वहीं भारत और चीन ईरान के सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर हैं और ईरान पर प्रतिबंध में भारत और चीन समेत कुल 8 देशों को कारोबार बंद करने के लिए अमेरिका की तरफ से 6 महीने की मोहलत मिली हुई है।

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