भारतीय दूतावास से शरण के लिए संपर्क साधना चाहते हैं बुगती
जिनेवा। बलूच रिपब्लिकन पार्टी के नेता बुगती ने खुद के लिए शरण मांगने के अलावा बलूचिस्तान व अफगानिस्तान समेत अन्य देशों में रह रहे कई बलूच नेताओं के बारे में दूतावास के शीर्ष भारतीय राजनयिकों से बात की। उन्होंने बताया कि वह अगले तीन-चार दिनों में दूतावास के जरिये भारत सरकार के समक्ष शरण के लिए आवेदन दाखिल करेंगे।
निर्वासित बलूच नेता बरहम दाग बुगती ने शरण मांगने के लिए मंगलवार को यहां (स्विटजरलैंड) भारतीय दूतावास से संपर्क साधा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई दिल्ली इस संबंध में सकारात्मक रुख अपनाएगा।
इसके लिए वह पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे। बुगती ने कहा कि बलूच आंदोलन के प्रति भारत का समर्थन बलूचिस्तान के लोगों के लिए बेहद अहम है। इस बैठक में इस पूरे मुद्दे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, “मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस के उनके भाषण में बलूचिस्तान का मुद्दा उठाने के लिए शुक्रगुजार हूं। यह बहुत ही अच्छा कदम है। हमें भारत के लगातार समर्थन की उम्मीद है।”
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सोमवार को ही बुगती ने भारत से नीतिगत पहल करने की अपील की थी ताकि बलूचिस्तान में “अत्याचारों” का सामना कर रहे लोग भारत आकर सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्होंने कहा था कि कई और बलूच नेता भारत से शरण की मांग कर सकते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने जोड़ा कि वह देखेंगे कि किन-किन को शरण की जरूरत है।
बता दें कि बरहम दाग बुगती राष्ट्रवादी बलूच नेता नवाब अकबर बुगती के पोते हैं। 2006 में नवाब अकबर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के हमले में मारे गए थे। उनकी मौत के बाद बरहम दाग अफगानिस्तान चले गए थे।
जब पाकिस्तान सरकार ने उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए अफगानिस्तान पर दबाव डाला तो 2010 में वह स्विटजरलैंड चले आए थे। अफगानिस्तान में कथित रूप से उन पर कई बार जानलेवा हमले भी हुए थे।