बेहद डरी थी इंदिरा और सीधे उनके घर पहुंच गये थे अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी अपने धनी स्वभाव के लिए हमेशा ही याद किये जाते हैं। ज्ञात हो कि 1977 में विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेयी ने सबसे पहला काम यही किया था कि वह इंदिरा गांधी के घर पहुंच गये थे। वह वहां इंदिरा गांधी को यह आश्वासन देने पहुंचे थे कि सरकार बदले की कार्रवाई नहीं करेगी। दरअसल इंदिरा के साथ ही उनका परिवार भी इस बात को लेकर चिंतित था कि कहीं नाराज भीड़ उनकी पीट-पीटकर हत्या ही न कर दें।

इंदिरा गांधी के घर जाने से पहले उन्होंने देसाई की अनुमति ले ली थी। देसाई काफी समझाने बुझाने के बाद यह मानने को तैयार हुए थे। इतना ही नहीं वाजपेयी ने यह भी कहा था कि उनके साथ सत्ताधारी दल का कोई भी नेता उनके या उनके परिवार के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देगा। ज्ञात हो कि इंदिरा के खिलाफ लोगों में इतना गुस्सा था कि वह जरा से उकसावे पर भी अराजकता का रूप ले सकता था। जिसके बाद भीड़ कानून को अपने हाथ में ले सकती थी। इमरजेंसी के दौरान ही सिर्फ दिल्ली में 20,000 से अधिक लोगों पर जुल्म ढाया गया था।

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